{{“ गुलाबी चूड़ियां ” बाबा नागार्जुन की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि के कुछ भावपूर्ण शब्द }}

“गुलाबी चूड़ियाँ ” Memories Of My School Days : ================================= बाबा नागार्जुन की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि के कुछ भावपूर्ण शब्द : द्वारा : भारद्वाज अर्चिता .......... “ ऐसे में जब आज की तारीख में हमारे देश के भीतर हमारी बेटियों की सुरक्षा तय नही हो पा रही है, आईए अपने छात्र जीवन में पढी गयी आचार्य बाबा नागाअर्जुन की सर्वाधिक जन परिचित, सर्वाधिक पढी गयी , सर्वाधिक सार्थक रचना “गुलाबी चूड़ियाँ” जो कि एक ट्रक ड्राईवर के जीवन पर आधारित है पर गौर करते हैं : अपनी रचना में आमजन के कवि बाबा नागाअर्जुन यह बताने का प्रयास करते हैं कि हमारे रोजमर्रा के जीवन से गहरे तक ताल्लुक रखने वाले एक ट्रक चालक का जीवन उसके भीतर की भावनाएं एवम अपनी सात साल की बेटी के लिए ममत्व का सैलाब वैसे ही असिमित है जैसे अन्य अमूमन सभी पिता का होता है अपनी बेटियों के लिए ! एक ट्रक चालक भी हमारे जैसा ही होता, वो भी अपने बच्चे से प्यार करता है ! भले वह लम्बे वक्त तक दूर होता है अपने घर , अपने बच्चों से पर उसका दिल भी ह...