शहीद औरंगजेब एवम शुजात बुखारी के जनाजे में उमडी 85 प्रतिशत भीड गवाह है हमारे कश्मीरी भाईयों एवम कश्मीर के खांटी हिन्दुस्तानी हिस्सा होने का !!
शहीद औरंगजेब और शुजात बुखारी के जनाजे की भीड़ इस बात की गवाह है कि : दुश्मनों के लाख प्रोपगेंडा के वावजूद आम कश्मीरियों का बहुत बड़ा वर्ग आज भी हिन्दुस्तान के साथ खड़ा है, इन 85 प्रतिशत के दिल दिमाग मे केवल हिन्दुस्तान बसता है !
हम सब गवाह हैं इस बात के कि : भारत सरकार ने जब से हुरियत को डर्टी गेम से बाहर किया है तब से स्थिति और भी भयावह होती चली गई है !
गठबंधन के आरम्भ से साफ-साफ नजर आ रहा है “सत्ता हासिल करने के लिए दो विपरीत विचारधाराओं के इस गठजोड़ ने कश्मीर की जमीनी सच्चाई को जानबूझकर दरकिनार अथवा अनदेखा किया है !”
मुझे अच्छी तरह याद है अर्ची महबूबा ने एक इंटरव्यू में अपने शासन काल में हुये इस परिवर्तन के संदर्भ में कहा था ---"पहले सैनिकों को देखकर जो नौजवान अपने घरों में छिप जाते थे वे अब बेख़ौफ होकर उनका विरोध कर रहे हैं ".......
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस गठबंधन को टूटना ही था, नहीं तो जम्मू और लद्दाख में न भाजपा का कोई वजूद रहता और न ही घाटी में पीडीपी का ही, स्वभाविक तौर पर इस राजनीतिक रिक्तता का लाभ अलगाववादियों को ही अधिक मिलता, क्योंकि नेशनल कांन्फ्रेस और कांग्रेस का राजनीतिक वजूद कश्मीर में लगातार सिकुड़ता ही जा रहा है !
मेरे खयाल से अब भारत सरकार को कश्मीर में दृढ निश्चय होकर बढना होगा, कश्मीर पर कोई भी निर्णय महज सत्ता खेल के लिए नहीं हो, सरकार आगामी लोक सभा चुनाव की रणनीति तक ही इसे सीमित न रखे, “व्यापक संदर्भ में कहें तो अच्छा हो कि : “राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर तमाम विघटनकारी शक्तियों के फन कुचलने के साथ-साथ आम कश्मीरी नागरिकों को मुख्यधारा से जोड़ा जाए, यही एकमात्र कश्मीर समस्या के अंत का हल होगा ”-----
मैं तो शहीद औरंगजेब के पिता और भाई की उन भावनाओं से आज आशान्वित हो रही हूँ जिसमें यह पूरी तरह साफ कर दिया गया है कि :
“ कश्मीर हिंदुस्तान का था, हिन्दुस्तान का है,
और हिंदुस्तान का ही रहेगा !!”
जय हिन्द !
कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
19/06/2018
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