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Showing posts from July, 2019

सुनो मौत

सुनो मौत मेरी एक ख्वाहिश है तुम जब मुझे लेने आना तो दबे पाँव नही बल्कि मेरे घर का दरवाजा नॉक करके आना दरवाजा नॉक कर देना या फिर doorbell ही बजा देना ताकि में चहक कर, दौड़ कर, अपने होटो प...
দাদা তুমি আমাদের ভরসা Dādā tumi āmādēra bharasā दादाजी, आप हम पर भरोसा करते हैं

मैं ब्रिटेन की आम जनता के दिलों पर राज करना चाहती हूँ शायद इसलिए ब्रिटेन राजपरिवार का हिस्सा होते हुए भी मै बकिंघम पैलेस की कभी राजकुमारी नही बनना चाहती ! : राजकुमारी डायना

मैं ब्रिटेन की आम जनता के दिलों पर राज करना चाहती हूँ शायद इसलिए ब्रिटेन राजपरिवार का हिस्सा होते हुए भी मै बकिंघम पैलेस की कभी राजकुमारी नही बनना चाहती !        : राजकुमारी ...

kuchh yaden kuchh khoj

कभी भारत के लोक जनमास मे कोलकाता मिश्रित बंगाल को जादूगरनियों का देश कहा जाता था  ! ऐसा लोकमत था कि पति या पुत्र कलकत्ता मिश्रित बंगाल मे नौकरी करने जाता है तो फिर वह लौट कर द...
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हिमा दास को चैंपियन बनाने वाले कोच की ये है कहानी aajtak.in [Edited by: प्रियंका शर्मा] नई दिल्ली, 13 July, 2018 किसान की बेटी से को चैंपियन बनाने के पीछे है कोच निपोन का हाथ..   हिमा दास ये सच है कि मनुष्य चाहे कितना भी प्रतिभाशाली क्यों न हो लेकिन जब तक उसे एक सही गुरु नहीं मिलता, वह जीवन में सफलता का स्वाद नहीं चख सकता. यहां हम बात कर रहे हैं हिमा दास के कोच निपोन दास की.  IAAF वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतने वाली हिमा ने कभी एथलिट बनने के बारे में नहीं सोचा था. वह लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थीं. लेकिन फिर उन्हें स्थानीय कोच ने सलाह दी कि उन्हें एथलेटिक्स में अपना करियर बनाना चाहिए. इसके बाद उन्होंने किस्मत आजमाने की सोची और आज वह शीर्ष एथलीटों की कतार में खड़ी हैं. फिर एक बार हिमा पर उनके कोच निपॉन की नजर उस वक्त पड़ी जब वह 'स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर' के डायेरक्टर के साथ बैठे थे. उस वक्त उन्होंने देखा एक लड़की ने काफी सस्ते स्पाइक्स पहने हुए थे, लेकिन फिर भी उसने 100 और 200 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल क...

मेरी आने वाली किताब से कलाम साहब पर स्टोरी की link है यह ! Link पर जाकर आप अपना सुझाव देँ, अपना विचार लिखेँ, https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2327797697306598&id=100002291725768

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भाषी

एक बार नानू प्रो० केदारनाथ का इन्टरव्यू ले रही थी मै ! भाषा को लेकर किए गए मेरे एक सवाल के जवाब मे नानू प्रोफे० केदारनाथ ने कुछ ऐसा जवाब दिया था : अपनी माँ, अपनी माटी, एवम अपनी भा...
डडडhttps://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2197537390332630&id=100002291725768 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2198964786856557&id=100002291725768 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2208978625855173&id=100002291725768 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2220844274668608&id=100002291725768 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2232682373484798&id=100002291725768 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2269337309819304&id=100002291725768 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2305440326209002&id=100002291725768

2nd

पुण्यतिथि विशेष :  ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म गुलाम भारत मे 15 अक्टूबर सन 1931 मे  रामेश्मवरम की पुण्य पवित्र भूमि पर एक  मुस्लिम परिवार मे  मछुआरे पिता जैनुलाब्दीन एवम माता आशियम्मा के घर बेहद अभाव मे हुआ था ! परिवार कहने को  मुस्लिम था पर घर मे बच्चो के बीच राम रहीम सबके किस्से सबके चरित्र का गान होता था !  माँ की सुबह शिव के भजन और साँझ   कुअरान की आयते गुनगुनाते हुए गुजरती थी जिसका अनुकरण नन्हा बालक कलाम भी कर रहा था ! माँ को लोकभाषा के वह गीत जो शास्त्रीय सँगीत की धुन मे रचे बसे होते थे गाने का बहुत सौक थामाँ से हस्तान्तरित यह सौक बेटे कलाम मे भी जीवन पर्ययन्त बना रहा ! चूकी कलाम के बचपन से किशोराअवस्था के होने तक भारत की पहचान अँग्रेजी हूकुमत के झण्डे तले एक गुलाम देश की थी अत: देश की गुलामी का दर्द एवम गुलामी के दर्द से देश को मुक्ति दिलाने का सपना कलाम के साथ साथ उनके परिवार की आँखो मे भी तैर रहा था ! यही वजह थी की कलाम बचपन मे  पढ़यी के साथ साथ अखबार बाँटने का काम भी किया करते थे जिससे  अधिक से  अधिक  लोगो तक आजादी क...
माँ आशियम्मा जो कि एक गृहिणी थीं पर बेहद मजबूत इरादो वाली दूरदर्शी महिला थी कलाम एवम माँ के बीच बहुत मजबूत bonding थी उस Bonding पर स्वयम कलाम साहब ने भी प्रकाश डालते हुए दशकों बाद अपनी क...

2nd

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Motivational Stories in Hindi Menu HOME ABOUT US CONTACT US biography ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन परिचय – Abdul Kalam Biography Hindi   Lathiya   5 Months Ago   No Comments एपीजे  अब्दुल कलाम  एक प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। राष्ट्र के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रसिद्ध, उन्हें भारत के  मिसाइल मैन  के रूप में जाना जाता था। उन्होंने 1998 में भारत के पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसने उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में स्थापित किया। प्रतिष्ठित  Madras institute of technology  के एक पूर्व छात्र, कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। बाद में उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ उन्होंने भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रू...

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भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन के मे शुरू हुए संघर्ष से रूबरू होते हुए उनके मिसाइलमैन बनने तक की सफलता के  किस्सों पर अगर प्ररकाश डाले तो एक बात साफ तौर पर दिखायी देती है कि : कलाम साहब के जीवन मे उनकी माँ आशियम्मा के त्याग, सहयोग, एवम समर्पण का बहुत बडा योगदान रहा है स्वयम एपीजे अब्दुल कलाम साहब ने अपनी किताब “My Journey” “ मेरी जीवन-यात्रा' में उन्होंने अपनी जिंदगी के तमाम पहलुओ को कलमबद्ध करते हुए अपनी माँ के लिए स्पपष्ट लिखा  है :  किताब: मेरी जीवन यात्रा किताब:   मेरी जीवन- यात्रा ('माय जर्नी' का हिंदी अनुवाद) लेखक :  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्रकाशक :  प्रभात प्रकाशन कीमत :  125 रुपये बात उन दिनों की है, जब दुनिया विश्वयुद्ध से जूझ रही थी और इसकी आंच भारत के सुदूर दक्षिण रामेश्वरम तक पहुंच चुकी थी. ब्रिटिश सरकार ने रामेश्वरम स्टेशन पर ट्रेन रोकना बंद करवा दिया था, जिससे वहां के लोग बाकी दुनिया से कट गए थे. इससे उनका दुनिया से जुड़े रहने का एकमात्र माध्यम यानी अखबार भी बंद हो गया. तब किसी ने सलाह दी कि अखबारों के बंडल...

Dr APJ abdul kalam sahab full story

भारत के मिसाइल मैन एवम पूर्व भारतीय राष्ट्रपति डा० ए०पी०जे०अब्दुल कलाम की सफलता मे उनकी माँ आशियम्मा का योगदान ! **************************************** ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म गुलाम भारत मे 15 अक्टूबर ...