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Showing posts from October, 2019

बचपन में मुझे बडा उत्साह रहता था मिट्टी के घरौंदे बनाने का ! आतिशबाजी का कोई शौक नही था क्योकि आतिशबाजियों से डर लगता था, आज भी लगता है ! पर मेरा मिट्टी का घरौंदा भावनाओ का अम्बार था मेरे लिए। समय ने तो बचपन कब का छिन लिया है लेकिन घरौंदों की यादें अभी भी मेरे भीतर गहरे तक बसी है ! सफाई, मिठाई, पकवान, घरौंदे, दिए, और पुरानी यादें कितने ही तो रूप हैं अर्ची दीपावाली के जिन्हे याद करके तुम आज भी खुश हो सकती हो ॥

बचपन में मुझे बडा उत्साह रहता था मिट्टी के घरौंदे बनाने का ! आतिशबाजी का कोई शौक नही था क्योकि आतिशबाजियों से डर लगता था, आज भी लगता है !   पर मेरा मिट्टी का घरौंदा भावनाओ का अम्बार था मेरे लिए। समय ने तो बचपन कब का छिन लिया है लेकिन घरौंदों की यादें अभी भी मेरे भीतर गहरे तक बसी है !  सफाई, मिठाई, पकवान, घरौंदे, दिए, और पुरानी यादें कितने ही तो रूप हैं अर्ची दीपावाली के जिन्हे याद करके तुम आज भी खुश हो सकती हो ॥ 

दुनिया मे ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो अच्छाई की क्लास का परिणाम आने से पहले ही बुराई की क्लास में दाखिला ले लेते हैं, धैर्य और लंबा इंतजार सबसे नहीं हो पाता, हाँ जिससे हो पाता है वह महान होता है, और उसे ही गांधी कहते है ! Smiley Live Creations परिवार की आने वाली किताब गांधी - नामा के पन्नो से !

दुनिया मे ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो अच्छाई की क्लास का परिणाम आने से पहले ही बुराई की क्लास में दाखिला ले लेते हैं, धैर्य और लंबा इंतजार सबसे नहीं हो पाता, हाँ जिससे हो पाता है वह महान होता है, और उसे ही गांधी कहते है !  Smiley Live Creations परिवार की आने वाली किताब  गांधी - नामा के पन्नो से ! 

gazal chand

चाँद की तरफ खलिश देखने से कहीं अच्छा  की चाँद को पानी मे उतारा जाए  मान उसका भी ना मिटे  ख्वाब हमारा भी सच हो जाये चाँद की तरफ खलिश.......................!!१!! आदमी जमीन का  आसमानी जरा कम ही हो पाता है, क्यों ना आसमान को ज़मीन पर झुकाया जाए प्यार के दरमिया क्षितिज मिलन का बनाया जाए  चाँद की तरफ  खलिश................!!२!! शहर मोहब्बत का ढूंढिये  सज़र मोहब्बत की ढूंढिये  आइए अब कौम-ए-दाग नफ़रतों की  मोहब्बत से मिटाया जाए  चाँद की तरफ खलिश ...................!!३!! रहते तो है हम पडोस मे ही  पर जमाना हो गया अर्ची मिले हुए हमे एक-दूसरे से,  चलो बैठ कर आज आमने - सामने  मन की गिरह खोली जाए,  बढ गया है जो हमारे दरमियाँ  सुबहा-ए-शक वजह उनकी टटोली जाए, चाँद की तरफ खलिश ...........................!!४!! ===========================  कलम से :  लेखक विभांशु जोशी एवम भारद्वाज अर्चिता संयुक्त रूप से लिखी गयी ग़ज़ल

=========================== कलम से : लेखक विभांशु जोशी एवम भारद्वाज अर्चिता 20/09/2018 संयुक्त रूप से लिखी गयी ग़ज़ल

=========================== कलम से : लेखक विभांशु जोशी एवम भारद्वाज अर्चिता 20/09/2018 संयुक्त रूप से लिखी गयी ग़ज़ल

ग़ज़ल

उस जनम के बिछड़े इस जनम में आ मिले हैं मुद्दत के बाद मिले हैं “हम” आइए बैठिए तो सही, एक जमाना गुजर गया है  देखे हुए आपको, आइए बैठिए तो सही ..... उस जनम के बिछडे .......॥ देखते हैं क्यों मुझे...
MrSonamWangchuk Engineer, Innovator, Education Reformist =============== आप लोगो ने 3 इडियट्स मूवी देखी होगी। .. उसमे आमिर खान का फुनसुक वांगड़ू का किरदार सबको याद होगा ही। ... पर कम लोगो को पता है कि फुनसुक वांगडू का किरदार रियल लाइफ में श्र...

भगत

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भगत सिंह भारतीय क्रांतिकारी भगत सिंह  (जन्म: सितम्बर/अक्टूबर १९०७ मृत्यु: २३ मार्च १९३१)  भारत  के एक प्रमुख  स्वतंत्रता सेनानी  क्रांतिकारी थे।  चन्द्रशेखर आजाद  व पार...