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Showing posts from May, 2019

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30 मई1826 को हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र 'उदंत मार्तंड' का सम्पादन दुआ था जिसने भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी। इसलिए हर वर्ष की 30 मई को 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' के रूप में मनाया जाता है 30 मई देश में हिंदी पत्रकारिता के लिहाज से सबसे अहम दिन माना जाता है क्योंकि इसी दिन 1826 में हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ आया था, जिसने भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी। इसलिए हर वर्ष की 30 मई को ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। पत्रकारिता आज दुनिया का अभिन्न अंग बन चुकी है। लोकतंत्र में तो मीडिया को ‘चौथा स्तंभ’ का दर्जा प्राप्त है। दुनिया में पत्रकारिता की शुरुआत 15वीं में मानी जाती है। भारत में पत्रकारिता का आगाज 1780 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ, लेकिन हिंदी पत्रकारिता को शुरू होने ज्यादा समय लगा। इसकी शुरुआत वर्ष 1826 में पहले हिंदी समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ के साथ हुई। हिंदी के पहले समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ का सफर हिंदी के पहले समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ की शुरुआत 30 मई 1826 को हुई थी। इस दिन ही कलकत्ता में एक साप्ताहिक पत...

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इस Mothers Day 12 मई 2019 से बाल कानून विशेषज्ञ विभांशु जोशी @Vibhanshu Joshi SmileyLive एवम पत्रकार भारद्वाज अर्चिता द्वारा संयुक्त रूप से कलमबद्ध करके शुरू हुई धरती की शक्तिशाली मातृ शक्ति को समर्पित हमारी ...
"माँ तेरा आँचल जो हमेशा साथ रहता है सीरीज” मातृदिवस श्रखंला के अंतर्गत माँ को समर्पित लेख ।
मेरे श्रद्धेय/आदरणीय/आदरणीया/अनुज पाठकों/ सम्मानित मातृशक्ति एवम प्यारे बच्चों मुझे खेद है कि मै बाल कानून विशेषज्ञ@Vibhanshu Joshi SmileyLive के साथ मिलकर इस Mothers Day 12 मई 2019 से शुरू हुई श्रंखला “ माँ त...
Anand Rai दद्दा समय से पहले मेच्योरिटी आ गयी है ! जो लोग कहते थे अभी तक मेच्योरिटी नही है अर्ची तुम्हारी बात मे अब मै भी उनसे कह उम्र कम है तो क्या हुआ यह मेरे बाल धूप मे सफेद नही हुए है ! क...
रणबीर कपूर से ब्रेकअप के बाद दीपिका पादुकोण की ज़िंदगी में कई "टेम्परेरी बॉयफ्रेंड" आये और गए, किन्तु दीपिका आजतक गाहे - बगाहे रणबीर से हुए ब्रेकअप और उससे मिले डिप्रेशन पर "ख...

इस Mothers Day 12 मई 2019 से बाल कानून विशेषज्ञ @Vibhanshu Joshi SmileyLive एवम पत्रकार भारद्वाज अर्चिता द्वारा संयुक्त रूप से कलमबद्ध करके शुरू हुई धरती की शक्तिशाली मातृ शक्ति को समर्पित हमारी लेख श्रंखला “माँ तेरा आँचल जो हमेशा साथ रहता है” की द्वितीय कड़ी में आज अपने पाठकों एवम राष्ट्रनीधि हमारे प्यारे बच्चों के लिए प्रस्तुत है पुत्र जन्म के समय पति द्वारा त्यागी गयी “ महान माता जीजाबाई का अपने बीर पुत्र महाराज शिवाजी के निर्माण मे कुशल चतुर्दिक योगदान एवम त्याग की सच्ची कहानी” आप सभी से आग्रह है हमारे साप्ताहिक लेख श्रृंखला के अन्तर्गत इतिहास के पन्नों मे रची - बसी इस महान माँ के चरित्र को “माँ तेरा आँचल जो हमेशा साथ रहता है ” श्रृंखला के अन्तर्गत जिसे लिखा गया है आप सब जरूर पढ़े ! विशेषत: हमारी माताएँ खुद भी पढ़े, और अपने बच्चों को भी पढ़ाएँ, सुनाएँ, बताएँ । Happy Mothers Day🙏🙏 =========================== साभार : @VibhanshuJoshi SmileyLive @भारद्वाज अर्चिता 19/05/2019 ( 2 ) जब किसी माँ जीजाबाई का सतत योगदान जुड़ता है तब जाकर दुनिया मे कोई बच्चा महाराज शिवाजी बनता है ! 

( 2 ) जब किसी माँ जीजाबाई का सतत योगदान जुड़ता है तब जाकर दुनिया मे कोई बच्चा महाराज शिवाजी बनता है ! 

intro jijabai shivaji

इस Mothers Day 12 मई 2019 से बाल कानून विशेषज्ञ @Vibhanshu Joshi SmileyLive एवम पत्रकार भारद्वाज अर्चिता द्वारा संयुक्त रूप से कलमबद्ध करके शुरू हुई धरती की शक्तिशाली मातृ शक्ति को समर्पित हमारी लेख श्रंखला “...

माता जीजाबाई

( 2 ) जब किसी माँ जीजाबाई का सतत योगदान जुड़ता है तब जाकर दुनिया मे कोई बच्चा महाराज शिवाजी बनता है !  ======== पुत्र जन्म के साथ ही पति द्वारा त्यागी गयी महान माँ जीजाबाई जिन्होने अपने ...
महात्मा गांधी को पहली बार  सुभाष चंद्र बोस  ने 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था। 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए 'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी कहा थ...
जानिए किसने और कब महात्मा गांधी को पहली बार 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दी थी यह तो सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि उन्हें यह उपाधि किसने दी थी? यह तो सभी जानते हैं कि  महात्मा गांधी  को  राष्ट्रपिता  कहकर संबोधित किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि उन्हें यह उपाधि किसने दी थी? महात्मा गांधी को पहली बार  सुभाष चंद्र बोस  ने 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था। 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए 'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी कहा था।  बताया जाता है कि नेताजी और महात्मा गांधी एक-दूसरे का भरपूर सम्मान करते थे, लेकिन इसके साथ दोनों के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद भी थे। बताया जाता है कि नेता जी महात्मा गांधी के इस विचार से सहमत नहीं थे कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही स्वतंत्रता पाई जा सकती है। नेताजी का मानना था कि अहिंसा एक विचारधारा हो सकती है, लेकिन इसका किसी पंथ की तरह पालन नहीं किया जा सकता है। नेताजी का मानना था कि राष्ट्रीय आंदोलन ...
Where did the word mud come from? As a  word  for "coffee," it is hobo slang from 1925; as a  word  for "opium" from 1922. To throw or hurl  mud  "make disgraceful accusations" is from 1762. To say (one's) name is  mud  and mean "(one) is discredited" is first recorded 1823, from  mud  in obsolete sense of "a stupid twaddling fellow" (1708)
महात्मा गाँधी एवम नाथूराम गोडसे ======================= नाथू राम जैसे चरित्र की मै धूर विरोधी हूँ अर्ची और पूरी तरह निषेध मानती हूं ऐसे लोगो को एक सभ्य समाज एवम उदार लोकतन्त्र के लिए ! पर कुछ यक...
नाथू राम जैसे चरित्र की मै धूर विरोधी हूँ अर्ची और पूरी तरह निषेध मानती हूं ऐसे लोगो को एक सभ्य समाज एवम उदार लोकतन्त्र के लिए ! पर कुछ यक्ष प्रश्न आज पूरी दुनिया के सामने रखन...