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Showing posts from January, 2019

बात सुनने से कहीं जरुरी था गर्दिश मे तेरा साथ क्यों भागते रहे क्यों घबराते रहे तुम ?? मेरे अंतर मे एक नही : एक हजार है तुमसे सवाल फिर भी चुप हूं और चुप ही रहूँगी क्योंकि हमारे बीच मे सिर्फ क्यों है जिसका उत्तर ना मेरे पास है ना ही तुम्हारे पास और ना ही वक्त के पास । हम एक दूसरे के लिए सिर्फ एक सवाल है उलझा हुआ सवाल । ================== कलम से : भारद्वाज अर्चिता

बात सुनने से कहीं जरुरी था  गर्दिश मे तेरा साथ  क्यों भागते रहे  क्यों घबराते रहे तुम ?? मेरे अंतर मे एक नही :  एक हजार है तुमसे सवाल  फिर भी चुप हूं और चुप ही रहूँगी  क्योंकि ह...

archi ki story

1857 की क्रांति के लिए 3 मई का दिन स्वामी जी ने निश्चित किया था ! मथुरा मे होने वाली सभी गुप्त सभाओं में स्वामी दयानन्द की देख रेख मे राव तुलाराम और राजा नाहरसिंह भी पूर्ण सहयोग सह...
1857 की क्रांति के सूत्रधार, राष्ट्र स्वराज्य के प्रथम उद्घघोषक बाग़ी फ़क़ीर दयानंद सरस्वती !! ================================= 1857 की क्रांति में राष्ट्र ऋषि दयानन्द सरस्वती का योगदान  : सन 1857 भारतीय इतिहास का ...