बात सुनने से कहीं जरुरी था गर्दिश मे तेरा साथ क्यों भागते रहे क्यों घबराते रहे तुम ?? मेरे अंतर मे एक नही : एक हजार है तुमसे सवाल फिर भी चुप हूं और चुप ही रहूँगी क्योंकि हमारे बीच मे सिर्फ क्यों है जिसका उत्तर ना मेरे पास है ना ही तुम्हारे पास और ना ही वक्त के पास । हम एक दूसरे के लिए सिर्फ एक सवाल है उलझा हुआ सवाल । ================== कलम से : भारद्वाज अर्चिता
बात सुनने से कहीं जरुरी था
गर्दिश मे तेरा साथ
क्यों भागते रहे
क्यों घबराते रहे तुम ??
मेरे अंतर मे एक नही :
एक हजार है तुमसे सवाल
फिर भी चुप हूं
और चुप ही रहूँगी
क्योंकि हमारे बीच मे
सिर्फ क्यों है
जिसका उत्तर ना मेरे पास है
ना ही तुम्हारे पास
और ना ही वक्त के पास ।
हम एक दूसरे के लिए
सिर्फ एक सवाल है
उलझा हुआ सवाल ।
==================
कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
Comments
Post a Comment