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आर्थिक पैकेज पर निर्मला ने कहा- एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन :कोरोना संकट पर पीएम मोदी की तरफ से ऐतिहासिक 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के एक दिन बाद प्रेस ब्रीफिंग करने आईं केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि सुधारों के जरिए भारत का निर्माण किया जाएगा।वित्तमंत्री ने आगे कहा कि लोगों के खाते में सीधे मदद पहंचा रहे हैं। MSMEs के लिए छह बड़े कदम उठाए गए हैं। निर्मला ने कहा कि एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन दिया जाएगा। 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि आरबीआई आनेवाले दिनों में और पैसा बाजार में लाएगी। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखी। उन्होंने कहा कि एमएसएई 12 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। ऑटोमेटिक लोन होगा। कोई गारंटी नहीं देनी होगी। इसकी समय सीमा 4 साल की होगी। पहले साल में मूलधन नहीं चुकाने होंगे।उन्होंने कहा कि इससे हर तरह के MSMEs को फोयदा हागा। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि कारोबार ज्यादा होने पर एमएसएमई को फायदा मिलेगा। ज्यादा निवेश के बावजूद एमएसएमई का दर्जा बना रहेगा। ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा रहेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि 1 करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट बनी रहेंगी। पीएम ने एक दिन पहले किया 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात आठ बजे देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस के कारण उपजे आर्थिक हालात को सुधारने के लिए देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है। पीएम मोदी ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा, 'हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे। आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।उन्होंने कहा कि इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और Laws, सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, 'ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है।' उन्होंने कहा कि ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति, उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है ।Live Update: 15000 से कम सैलरी वालों का जून-जुलाई-अगस्त का EPF सरकार देगी20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के रोडमैप को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वह बता रही हैं कि 20 लाख करोड़ का इस्तेमाल किन-किन क्षेत्रों में किया जाएगा और इन्हें कितनी राशि दी जाएगी। इस राशि का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। बता दें कोरोना संकट से बेपटरी हुई देश की अर्थव्यव्स्था को पटरी पर लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।प्राइवेट कंपनियों के लिए ईपीएफ का हिस्सा अगले तीन महीने के लिए घटाकर 10-10 फीसद किया गया, जबकि सरकारी कर्मचारियों को पहले की तरह 12 फीसद ही रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है, ये नियोक्ताओं के लिए किया गया है। सरकारी और पीएसयू को 12 प्रतिशत ही देना होगा. पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा।सरकारी बैंकों में फंसे हुए पैसे को अगले 45 दिनों में निकलवाया जाएगा। 200 करोड़ से कम वाले काम में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा जिसका फायदा एमएसएमई को मिलेगा।एमएसएमई की बदली परिभाषाज्यादा निवेश वाली कंपनियों को एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा। पहले सिर्फ निवेश के आधार पर तय किया जाता था। अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी। माइक्रो यूनिट में 25 हजार का निवेश तक माना जाता था अब एक करोड़ के निवेश करने वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी। अब ये निवेश 1 करोड़ तक हो सकता है, और टर्नओवर 5 करोड़ तक हो सकता है लेकिन तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो एनपीए हैं और जो लॉकडाउन के चलते परेशानी में हैं उन्हें इस कदम से फायदा होगा 45 लाख एमएसएमई को राहत, एक साल तक कर चुकाने से मुक्ति मिलेगी। एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 विभिन्न कदमों का जिक्र होगा जिसमें 6 एमएसएमई के लिए कदम उठाएंगे दो कदम एमएसएमई के फाइनेंस से जुड़ा है और 2 पीएफ से जुड़े हैं। एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का कर्ज बिना किसी गारंटी का मिलेगा। सूक्ष्म, लघु, मध्यम व कुटीर उद्योग के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान। वहीं 50000 करोड़ का फंड एमएसएमई में डाला जाएगा। बजट के फौरन बाद कोरोना आ गया। बजट सेशन के बाद हमने गरीब कल्याण योजना के तहत 41 करोड़ खातों में पैसा पहुंचा था। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था उन्हें भी राशन दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मोदी सरकार लोगों से बातचीत और संवेदनशीलता में भरोसा रखती है और बजट के बाद तुरंत कोरोना का प्रकोप आ गया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। आत्मनिर्भर भारत बनाने का उसने देश के लोगों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में अवसर देख रहे हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का लेखाजोखा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कई मंत्रालयों की लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला हुआ है। इस पैकेज के सहारे देश को आत्म निर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। हम जो भी योजनाओं का ऐलान करेंगे वो सीधे लोगों तक पहुंचेगे। गरीबों के खाते में सीधे पैसा पहुंच रहा है।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, लंबी चर्चा के बाद किया गया पैकेज पर फैसला'मेक इन इंडिया कार्यक्रम को तेज करने में मिलेगी मदद : सज्जन जिंदल :उद्योगपति सज्जन जिंदल ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज से 'मेक इन इंडिया कार्यक्रम में तेजी लाने में मदद मिलेगी। जिंदल स्टील वर्क्स समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने एक बयान में कहा कि ये पैकेज लघु एवं मध्यम उद्योगों, किसानों, करदाताओं और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सही समय पर घोषित किया गया है। उन्होंने कहा, ''इस पैकेज से भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा गया है। इसके लिए हमें अपने जनसांख्यकीय लाभ, प्रौद्योगिकी कौशल और मजबूत घरेलू मांग का लाभ उठाना होगा। बेहतर बुनियादी ढांचा और आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करनी होगी जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम को तेज करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने 'स्थानीय वस्तुओं के उपयोग पर जोर दिया है जो लड़खड़ाते घरेलू विनिर्माण उद्योग के लिए एक स्पष्ट संदेश है।निर्मला सीतारमण से उम्मीदेंफिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि पांच आधार.अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, व्यवस्था, जनसंख्या और मांग को मजबूत करने से भारत फिर से सतत वृद्धि के रास्ते पर आएगा। वहीं सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमाबइल मैनुफैक्चरर्स ने उम्मीद जतायी कि जब वित्त मंत्री पैकेज की बारीकियों की घोषणा करेंगी, देश के वाहन उद्योग की मदद के लिए एक केंद्रित पैकेज का ऐलान करेंगी।किसानों की भी लगी है आसइसके अलावा आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मझोले उद्योग को भी काफी उम्मीदें हें। पीएम ने अपने राष्ट्र के नाम संदेश में जो बाते कहीं उस हिसाब से इस पैकेज में किसानों के लिए भी बहुत कुछ हो सकता है। मोदी ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है।बता दें कोरोना संकट से भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की घोषणा की। यह भारतीय जीडीपी का करीब 10 फीसदी होगा। इसके साथ ही भारत राहत पैकेज देने के मामले में दुनिया का पांचवां बड़ा देश बन गया है। सबसे बड़ा राहत पैकेज देने में जापान पहले तो अमेरिका दूसरे स्थान पर है। बता दें मोदी ने बताया कि वित्त मंत्री सभी क्षेत्रों से जुड़े ऐलान बुधवार से एक-एक करके करेंगी। हालांकि, उन्होंने ये संकेत जरूर दिए कि इस पैकेज में समाज से जुड़े हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। गरीबों, श्रमिकों, प्रवासियों और मछुआरों सहित सभी वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में तैयारी कर ली गई है। इसको लेकर आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को लेकर भारत का पैकेज काफी व्यपाक होने की उम्मीद है। इसमें किसानों मजदूरों को विशेष राहत के साथ कंपनियों को कर छूट सहित कई तरह की रियायत मिल सकती है। सरकार की नजर चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों पर है। ऐसे में सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष रियायत की घोषणा भी कर सकती है।प्रधानमंत्री ने भारत को आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का रोडमैप भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभा है। इसके इस्तेमाल से हम आने वाले दिनों में सबसे बेहतर उत्पाद बनाएंगे और उसकी गुणवत्ता में सुधार करते हुए आपूर्ति श्रृंखला को भी आधुनिक बनाना होगा। मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए पैकेज में जमीन, श्रमिकों, लिक्विडिटी और जरूरी कानूनों में बदलावों की भी व्यवस्था की जाएगी ।

आर्थिक पैकेज पर निर्मला ने कहा- एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन :

कोरोना संकट पर पीएम मोदी की तरफ से ऐतिहासिक 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के एक दिन बाद प्रेस ब्रीफिंग करने आईं केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि सुधारों के जरिए भारत का निर्माण किया जाएगा।

वित्तमंत्री ने आगे कहा कि लोगों के खाते में सीधे मदद पहंचा रहे हैं। MSMEs के लिए छह बड़े कदम उठाए गए हैं। निर्मला ने कहा कि एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन दिया जाएगा। 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि आरबीआई आनेवाले दिनों में और पैसा बाजार में लाएगी। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखी। उन्होंने कहा कि एमएसएई 12 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। ऑटोमेटिक लोन होगा। कोई गारंटी नहीं देनी होगी। इसकी समय सीमा 4 साल की होगी। पहले साल में मूलधन नहीं चुकाने होंगे।

उन्होंने कहा कि इससे हर तरह के MSMEs को फोयदा हागा। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि कारोबार ज्यादा होने पर एमएसएमई को फायदा मिलेगा। ज्यादा निवेश के बावजूद एमएसएमई का दर्जा बना रहेगा। ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा रहेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि 1 करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट बनी रहेंगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात आठ बजे देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस के कारण उपजे आर्थिक हालात को सुधारने के लिए देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है। पीएम मोदी ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा, 'हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे। आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और Laws, सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।

Live Update: 15000 से कम सैलरी वालों का जून-जुलाई-अगस्त का EPF सरकार देगी

20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के रोडमैप को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वह बता रही हैं कि 20 लाख करोड़ का इस्तेमाल किन-किन क्षेत्रों में किया जाएगा और इन्हें कितनी राशि दी जाएगी। इस राशि का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। बता दें कोरोना संकट से बेपटरी हुई देश की अर्थव्यव्स्था को पटरी पर लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।

प्राइवेट कंपनियों के लिए  ईपीएफ का हिस्सा अगले तीन महीने के लिए घटाकर 10-10 फीसद किया गया, जबकि सरकारी कर्मचारियों को पहले की तरह 12 फीसद ही रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है, ये नियोक्ताओं के लिए किया गया है। सरकारी और पीएसयू को 12 प्रतिशत  ही देना होगा. पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा।

सरकारी बैंकों में फंसे हुए पैसे को अगले 45 दिनों में निकलवाया जाएगा। 200 करोड़ से कम वाले काम में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा जिसका फायदा एमएसएमई को मिलेगा।

एमएसएमई की बदली परिभाषा

ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा। पहले सिर्फ निवेश के आधार पर तय किया जाता था। अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी। माइक्रो यूनिट में 25 हजार का निवेश तक माना जाता था अब एक करोड़ के निवेश करने वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी। अब ये निवेश 1 करोड़ तक हो सकता है, और टर्नओवर 5 करोड़ तक हो सकता है लेकिन तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो एनपीए हैं और जो लॉकडाउन के चलते परेशानी में हैं उन्हें इस कदम से फायदा होगा  45 लाख एमएसएमई को राहत, एक साल तक कर चुकाने से मुक्ति मिलेगी। एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 विभिन्न कदमों का जिक्र होगा जिसमें 6 एमएसएमई के लिए कदम उठाएंगे दो कदम एमएसएमई के फाइनेंस से जुड़ा है और 2 पीएफ से जुड़े हैं। एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का कर्ज बिना किसी गारंटी का मिलेगा। सूक्ष्म, लघु, मध्यम व कुटीर उद्योग के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान। वहीं 50000 करोड़ का फंड एमएसएमई में डाला जाएगा। 

बजट के फौरन बाद कोरोना आ गया। बजट सेशन के बाद हमने गरीब कल्याण योजना के तहत 41 करोड़ खातों में पैसा पहुंचा था। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था उन्हें भी राशन दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मोदी सरकार लोगों से बातचीत और संवेदनशीलता में भरोसा रखती है और बजट के बाद तुरंत कोरोना का प्रकोप आ गया। 

वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। आत्मनिर्भर भारत बनाने का उसने देश के लोगों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में अवसर देख रहे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का लेखाजोखा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कई मंत्रालयों की लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला हुआ है। इस पैकेज के सहारे देश को आत्म निर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। हम जो भी योजनाओं का ऐलान करेंगे वो सीधे लोगों तक पहुंचेगे।  गरीबों के खाते में सीधे पैसा पहुंच रहा है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, लंबी चर्चा के बाद किया गया पैकेज पर फैसला

'मेक इन इंडिया कार्यक्रम को तेज करने में मिलेगी मदद : सज्जन जिंदल :

उद्योगपति सज्जन जिंदल ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज से 'मेक इन इंडिया कार्यक्रम में तेजी लाने में मदद मिलेगी।  जिंदल स्टील वर्क्स समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने एक बयान में कहा कि ये पैकेज लघु एवं मध्यम उद्योगों, किसानों, करदाताओं और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सही समय पर घोषित किया गया है। 

उन्होंने कहा, ''इस पैकेज से भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा गया है। इसके लिए हमें अपने जनसांख्यकीय लाभ, प्रौद्योगिकी कौशल और मजबूत घरेलू मांग का लाभ उठाना होगा। बेहतर बुनियादी ढांचा और आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करनी होगी जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम को तेज करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने 'स्थानीय वस्तुओं के उपयोग पर जोर दिया है जो लड़खड़ाते घरेलू विनिर्माण उद्योग के लिए एक स्पष्ट संदेश है।

निर्मला सीतारमण से उम्मीदें

फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि पांच आधार.अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, व्यवस्था, जनसंख्या और मांग को मजबूत करने से भारत फिर से सतत वृद्धि के रास्ते पर आएगा। वहीं  सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमाबइल मैनुफैक्चरर्स ने उम्मीद जतायी कि जब वित्त मंत्री पैकेज की बारीकियों की घोषणा करेंगी, देश के वाहन उद्योग की मदद के लिए एक केंद्रित पैकेज का ऐलान करेंगी।

किसानों की भी लगी है आस

इसके अलावा आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मझोले उद्योग को भी काफी उम्मीदें हें। पीएम ने अपने राष्ट्र के नाम संदेश में जो बाते कहीं उस हिसाब से इस पैकेज में किसानों के लिए भी बहुत कुछ हो सकता है। मोदी ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है।

बता दें कोरोना संकट से भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की घोषणा की। यह भारतीय जीडीपी का करीब 10 फीसदी होगा। इसके साथ ही भारत राहत पैकेज देने के मामले में दुनिया का पांचवां बड़ा देश बन गया है। सबसे बड़ा राहत पैकेज देने में जापान पहले तो अमेरिका दूसरे स्थान पर है। 

बता दें मोदी ने बताया कि वित्त मंत्री सभी क्षेत्रों से जुड़े ऐलान बुधवार से एक-एक करके करेंगी। हालांकि, उन्होंने ये संकेत जरूर दिए कि इस पैकेज में समाज से जुड़े हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। गरीबों, श्रमिकों, प्रवासियों और मछुआरों सहित सभी वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में तैयारी कर ली गई है। इसको लेकर आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को लेकर भारत का पैकेज काफी व्यपाक होने की उम्मीद है। इसमें किसानों मजदूरों को विशेष राहत के साथ कंपनियों को कर छूट सहित कई तरह की रियायत मिल सकती है। सरकार की नजर चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों पर है। ऐसे में सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष रियायत की घोषणा भी कर सकती है।

प्रधानमंत्री ने भारत को आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का रोडमैप भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभा है। इसके इस्तेमाल से हम आने वाले दिनों में सबसे बेहतर उत्पाद बनाएंगे और उसकी गुणवत्ता में सुधार करते हुए आपूर्ति श्रृंखला को भी आधुनिक बनाना होगा। मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए पैकेज में जमीन, श्रमिकों, लिक्विडिटी और जरूरी कानूनों में बदलावों की भी व्यवस्था की जाएगी ।

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“ सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय । सात समुद्र की मसि करूँ , गुरु गुण लिखा न जाय ।” भावार्थ :- यदि सारी धरती को कागज़ मान लिया जाए , सारे जंगल - वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्र स्याही हो जाएँ तो भी हमारे द्वारा कभी हमारे गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते है ।हमारे जीवन मे हमारे गुरु की महिमा सदैव अनंत होती है अर्ची, गुरु का ज्ञान हमारे लिए सदैव असीम और अनमोल होता है । इस जगत मे बहुत कम ऐसे गुरू हुए है जिनको उनकी अपनी सफलता के साथ साथ ही उनके अपने शिष्य की सफलता से पहचान मिली हो ऐसे ही भाग्यशाली गुरू रहे है “रमाकान्त आचरेकर” जिन्हे पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कोच “ क्रिकेट गुरू ” के रूप मे जानती है और इसी रूप मे ही सदैव याद भी रखना चाहती है ! ईश्वर के साम्राज्य मे पहुँचने पर आज गुरू आचरेकर का स्वागत नाराण ने निश्चित तौर पर यही कह कर किया होगा “ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकान्त आचरेकर जी आईए आपका स्वागत है !!” दिवंगत आचरेकर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !! ================================ Bhardwaj@rchita 03/01/2019

माँ सीता के द्वारा माँ पार्वती स्तुति अयोध्याकाण्ड जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनि दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।। भव भव विभव पराभव कारिनि। बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।। [दोहा] पतिदेवता सुतीय महुँ, मातु प्रथम तव रेख। महिमा अमित न सकहिं कहि, सहस सारदा सेष।।235।। सेवत तोहि सुलभ फल चारी। बरदायिनी पुरारि पिआरी।। देबि पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।। मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबहिं कें।। कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं। अस कहि चरन गहे बैदेहीं।। बिनय प्रेम बस भई भवानी। खसी माल मूरति मुसुकानी।। सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ। बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ।। सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।। नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा।। [छंद] मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु, सहज सुंदर साँवरो। करुना निधान सुजान सीलु, सनेहु जानत रावरो।। एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय, सहित हियँ हरषीं अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि, मुदित मन मंदिर चली।। [सोरठा] जानि गौरि अनुकूल सिय, हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे।।

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरु ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता) के समान हैं. गुरु विष्णु (संरक्षक) के समान हैं. गुरु प्रभु महेश्वर (विनाशक) के समान हैं. सच्चा गुरु, आँखों के समक्ष सर्वोच्च ब्रह्म है अपने उस एकमात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करती हूँ, कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं !! साभार : भारद्वाज अर्चिता