उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस विशेष : चाहे बनारस के घाट एवम बनारसी साड़ियों का बेहतरीन काम हो, चाहे खुर्जा का जगत प्रसिद्ध पॉटरी का काम (pottery work), चाहे सहारनपुर का लकड़ी का काम हो, चाहे मुरादाबाद के हस्तशिल्प एवम पीतल के बर्ततनो की बेजोड कारीगरी, चाहे बरेली की जरी जरदोजी काम हो, चाहे अलीगढ के ताले, चाहे आगरा का कई कलेवर कई फ्लेवर मे अपनी मिठास से दुनिया को लुभाने वाला पेठा हो, चाहे प्रयागराज संगम नगरी स्थित माघ मेला, और नेतराम की चटपटी कचौडी का देश भर की जुबान पर कायम स्वाद हो, चाहे कानपुर का लैदर, चाहे लखनऊ का चिकन वर्क और नवाबी खाना, चाहे चंदौसी का शुद्ध देसी घी, चाहे कृष्ण नगरी मथुरा के लाजवाब देशी पेडे, चाहे गोरखपुर जिले के गोरखनाथ मंदिर मे महिने भर चलने वाला खिचड़ी मेला, सनातनी ज्ञान - विज्ञान से विश्व को परिचित कराते हुए नैतिकता से जोड़ता हुआ गोरखपुर का गीता प्रेस, एवम गोलघर स्थित अग्रवाल आइसक्रीम वाले की दर्जन भर फ्लेवर मे परोसी जाने वाली आइसक्रीम और मूंग दाल का गरमागरम पकौड़ा हो, या के अयोद्धया नगरी का मनोरम सरयू तट हो !? कला, संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, ज्ञान - विज्ञान, प्रकृति एवम धरोहरो से लबालब भरे हुए हमारे थोडे अक्खड तो थोडे फक्कड प्रदेश, उत्तर प्रदेश में एक बात तो है की इसके किसी भी भूभाग पर हम भ्रमण करने जाएँ, इसके हर उस भूभाग से जुड़ा इसका एक अनोखा एहसास हमे बहुत ही पवित्रता से स्पर्श करते हुए बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करता है, उत्तर प्ररदेश की मेहमान नवाजी एवम खाने - पीने की स्थानीय विशेषताऐ भी इसे विशेष बनाती है ! इन उपरोक्त विशेषताओ के चलते ही इस बात पर गर्व होता है कि : मैं भी उस उत्तर प्रदेश की वासी हूँ , जहां राम और कृष्ण ने जन्म लिया, जहाँ की गंगा जमुनी तहजीब की दुनिया कायल रही है ! सभी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस की अशेष बधाई ॥ ================== कलम से : भारद्वाज अर्चिता
उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस विशेष :
चाहे बनारस के घाट एवम बनारसी साड़ियों का बेहतरीन काम हो, चाहे खुर्जा का जगत प्रसिद्ध पॉटरी का काम (pottery work), चाहे सहारनपुर का लकड़ी का काम हो, चाहे मुरादाबाद के हस्तशिल्प एवम पीतल के बर्ततनो की बेजोड कारीगरी, चाहे बरेली की जरी जरदोजी काम हो, चाहे अलीगढ के ताले, चाहे आगरा का कई कलेवर कई फ्लेवर मे अपनी मिठास से दुनिया को लुभाने वाला पेठा हो, चाहे प्रयागराज संगम नगरी स्थित माघ मेला, और नेतराम की चटपटी कचौडी का देश भर की जुबान पर कायम स्वाद हो, चाहे कानपुर का लैदर, चाहे लखनऊ का चिकन वर्क और नवाबी खाना, चाहे चंदौसी का शुद्ध देसी घी, चाहे कृष्ण नगरी मथुरा के लाजवाब देशी पेडे, चाहे गोरखपुर जिले के गोरखनाथ मंदिर मे महिने भर चलने वाला खिचड़ी मेला, सनातनी ज्ञान - विज्ञान से विश्व को परिचित कराते हुए नैतिकता से जोड़ता हुआ गोरखपुर का गीता प्रेस, एवम गोलघर स्थित अग्रवाल आइसक्रीम वाले की दर्जन भर फ्लेवर मे परोसी जाने वाली आइसक्रीम और मूंग दाल का गरमागरम पकौड़ा हो, या के अयोद्धया नगरी का मनोरम सरयू तट हो !?
कला, संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, ज्ञान - विज्ञान, प्रकृति एवम धरोहरो से लबालब भरे हुए हमारे थोडे अक्खड तो थोडे फक्कड प्रदेश, उत्तर प्रदेश में एक बात तो है की इसके किसी भी भूभाग पर हम भ्रमण करने जाएँ, इसके हर उस भूभाग से जुड़ा इसका एक अनोखा एहसास हमे बहुत ही पवित्रता से स्पर्श करते हुए बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करता है, उत्तर प्ररदेश की मेहमान नवाजी एवम खाने - पीने की स्थानीय विशेषताऐ भी इसे विशेष बनाती है ! इन उपरोक्त विशेषताओ के चलते ही इस बात पर गर्व होता है कि : मैं भी उस उत्तर प्रदेश की वासी हूँ , जहां राम और कृष्ण ने जन्म लिया, जहाँ की गंगा जमुनी तहजीब की दुनिया कायल रही है !
सभी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस की अशेष बधाई ॥
==================
कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
Comments
Post a Comment