उफ्फ हम मध्यम वर्गीय लोग “middle class people” जिंदगी भर जिंदगी को केवल बेहतर करने के चक्कर मे ही डूबते-उतराते रह जाते हैं ! गरीब होना नहीं चाहते और अमीर होने की कूबत अपने भीतर पालते तो है पर सत्य धरातल पर उसे फलिभूँत होते देखने का धैर्य रख नही पाते परिणति यह होती है कि : गरीबों के तिरस्कार और अमीरों की नकल करने मे ही हमारे सिर के बाल सफेद हो जाते है अर्ची !
उफ्फ हम मध्यम वर्गीय लोग “middle class people” जिंदगी भर जिंदगी को केवल बेहतर करने के चक्कर मे ही डूबते-उतराते रह जाते हैं !
गरीब होना नहीं चाहते और अमीर होने की कूबत अपने भीतर पालते तो है पर सत्य धरातल पर उसे फलिभूँत होते देखने का धैर्य रख नही पाते परिणति यह होती है कि :
गरीबों के तिरस्कार और अमीरों की नकल करने मे ही हमारे सिर के बाल सफेद हो जाते है अर्ची !
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