aajtakSearchSearchAdलाला लाजपत राय: भगत सिंह ने लिया था हत्या का बदला, फिर मिली फांसी की सजाaajtak.in [Edited by: प्रियंका शर्मा]नई दिल्ली, 17 November, 2018लाला लाजपत राय को लगने वाली अंग्रेजों की लाठी हमारे देश में अंग्रेजों के शासन के अंत की वजह बन गई. वे साल 1928 में 17 नवंबर के रोज ही दुनिया से रुखसत हो गए थे... ये थे वो सेनानी, भगत सिंह ने लिया था जिनकी हत्या का बदलालाला लाजपत रायस्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज पुण्यतिथि है. वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई थी. साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में उनके सिर पर लाठी पड़ी, जिसके बाद उनका देहांत 1928 में 17 नवंबर के यानी आज ही रोज हो गया था. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना में अहम भूमिका अदा की थी. आइए जानते हैं उनके बारे में...शिक्षालाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 में हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा हरियाणा के रेवाड़ी में बने सरकारी स्कूल से हासिल की. यहां उनके पिता राधा कृष्ण उर्दू के शिक्षक थे. लाहौर के राजकीय कॉलेज से विधि की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने लाहौर और हिसार में वकालत की. उन्होंने हिंदू अनाथ राहत आंदोलन की नींव रखी, ताकि ब्रिटिश मिशन अनाथ बच्चों को अपने साथ न ले जा सकें. साथ ही देश में व्याप्त छूआछूत के खिलाफ लंबी जंग लड़ी.लाला लाजपत राय: जिस शख्सियत ने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की...भारत में पंजाब केसरी के नाम से मशहूर राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता थे और पंजाब में अंग्रेजों की मुखालफत में अग्रणी भूमिका में थे. वे कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं 'लाल-बाल-पाल' में से एक थे. साइमन कमीशन के विरोध के वक्त शरीर पर चोट लगने के बाद उन्होंने कहा था कि उनके शरीर पर मारी गई लाठियां हिन्दुस्तान में ब्रिटिश राज के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित होंगी.इस ब्रिटिश अधिकारी के कत्ल में शामिल थे राजगुरु, फिर मिली फांसी की सजाजब हुई लाजपत राय की मौतलाला लाजपत राय की मृत्यु से सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव और अन्य क्रांतिकारियों ने उनकी मौत का बदला लेने का फैसला किया. इन जांबाज देशभक्तों ने लाला लाजपत राय की मौत के ठीक एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसम्बर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफसर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया. महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को फांसी की सजा सुनाई गई.आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करेंAajtak Android AppAajtak Android IOSसंबंधित खबरेंजानें, कैसे तय हुआ था पटेल नहीं, नेहरू होंगे देश के पहले पीएम?02 November, 2019वो पत्रकार जो बने राष्ट्रपति, लिया था महात्मा गांधी का इंटरव्यू02 November, 2019मातंगिनी हजारा: अंग्रेज चलाते रहे गोलियां लेकिन नहीं छोड़ा तिरंगा02 November, 2019कौन थे स्कंदगुप्त, जिनके बारे में अमित शाह ने कहा- इतिहास ने किया अन्याय02 November, 2019इनकी वजह से देख पा रहे हैं फिल्में, गूगल ने बनाया डूडल02 November, 2019अन्य ख़बरेंजानें, कैसे तय हुआ था पटेल नहीं, नेहरू होंगे देश के पहले पीएम?31 October, 2019वो पत्रकार जो बने राष्ट्रपति, लिया था महात्मा गांधी का इंटरव्यू26 October, 2019मातंगिनी हजारा: अंग्रेज चलाते रहे गोलियां लेकिन नहीं छोड़ा तिरंगा19 October, 2019कौन थे स्कंदगुप्त, जिनके बारे में अमित शाह ने कहा- इतिहास ने किया अन्याय17 October, 2019इनकी वजह से देख पा रहे हैं फिल्में, गूगल ने बनाया डूडल14 October, 2019ये थीं ब्रिटिश इंडिया की पहली ग्रेजुएट महिला, गूगल ने बनाया डूडल12 October, 2019 Next Facebook twitterHome Live TVGO to TOPCopyright© 2019 T.V. Today Network Limited.
लाला लाजपत राय: भगत सिंह ने लिया था हत्या का बदला, फिर मिली फांसी की सजा
लाला लाजपत राय को लगने वाली अंग्रेजों की लाठी हमारे देश में अंग्रेजों के शासन के अंत की वजह बन गई. वे साल 1928 में 17 नवंबर के रोज ही दुनिया से रुखसत हो गए थे...

स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज पुण्यतिथि है. वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई थी. साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में उनके सिर पर लाठी पड़ी, जिसके बाद उनका देहांत 1928 में 17 नवंबर के यानी आज ही रोज हो गया था. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना में अहम भूमिका अदा की थी. आइए जानते हैं उनके बारे में...
शिक्षा
लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 में हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा हरियाणा के रेवाड़ी में बने सरकारी स्कूल से हासिल की. यहां उनके पिता राधा कृष्ण उर्दू के शिक्षक थे. लाहौर के राजकीय कॉलेज से विधि की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने लाहौर और हिसार में वकालत की. उन्होंने हिंदू अनाथ राहत आंदोलन की नींव रखी, ताकि ब्रिटिश मिशन अनाथ बच्चों को अपने साथ न ले जा सकें. साथ ही देश में व्याप्त छूआछूत के खिलाफ लंबी जंग लड़ी.
लाला लाजपत राय: जिस शख्सियत ने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की...
भारत में पंजाब केसरी के नाम से मशहूर राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता थे और पंजाब में अंग्रेजों की मुखालफत में अग्रणी भूमिका में थे. वे कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं 'लाल-बाल-पाल' में से एक थे. साइमन कमीशन के विरोध के वक्त शरीर पर चोट लगने के बाद उन्होंने कहा था कि उनके शरीर पर मारी गई लाठियां हिन्दुस्तान में ब्रिटिश राज के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित होंगी.
इस ब्रिटिश अधिकारी के कत्ल में शामिल थे राजगुरु, फिर मिली फांसी की सजा
जब हुई लाजपत राय की मौत
लाला लाजपत राय की मृत्यु से सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव और अन्य क्रांतिकारियों ने उनकी मौत का बदला लेने का फैसला किया. इन जांबाज देशभक्तों ने लाला लाजपत राय की मौत के ठीक एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसम्बर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफसर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया. महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को फांसी की सजा सुनाई गई.
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