TOP NEWS

पर्सनल फाइनेंस

महात्मा गांधी के ये 10 अनमोल विचार जानते हैं आप?

By TNN | Updated: Jul 25, 2019, 10.12 AM IST

इनसान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं. विचार और काम की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को आम लोगों से अलग करती हैं. वे वही काम करते हैं, जो दूसरे करते हैं, लेकिन समाज में बदलाव लाना उनका मकसद होता है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं, महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे. वे करोड़ों देशवासियों के जीवन में बदलाव लाना चाहते थे.

आज हमें जो आजादी हासिल है, उसके लिए उन्होंने बड़ी कुर्बानियां दी थीं. वे सबके साथ मिलकर चलना चाहते थे. आज हम परिवार के अंदर बंट गए हैं, खुद को कंप्यूटर तक सीमित कर लिया है और स्मार्टफोन को अपनी दुनिया बना ली है.

इन जंजीरों से निकलने में बापू के विचार हमारे लिए मददगार साबित हो सकते हैं. गांधीजी जो कहते थे, वह करते थे.

यह भी पढ़ें : मलेशिया के इस स्कूल में 'बापू' को रोज याद किया जाता है

यहां हम उनके कुछ प्रेरक वचन पेश कर रहे हैं, जो हमारी आंखें खोल सकते हैं.
व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है.कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है.गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.आप जो करते हैं वह नगण्य होगा. लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है.हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा.किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं.कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है.बापू ने कहा कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी.
हिन्दी में शेयर बाजार और पर्सनल फाइनेंस पर नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. पेज लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें

(This article was originally published in The Times of India)

READ MORE:

बापू के प्रेरक वचन|बापू|गांधीजी|quotes of bapu|mahatma gandhi

PREVIOUS

'बापू' के 200 डाक टिकटों के जरिए देश भर में उनके संदेश फैला रहा है यह शख्स

NEXT

बैंक लोन के बट्टे खाते में डालने का मतलब कर्जमाफी नहीं: जेटली

ADVERTISEMENT

ईटी हिंदी › वेल्थ › पर्सनल फाइनेंस›महान सोच वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जो कहते थे, वही करते थे.

ईटी हिंदी

ईटी हिंदी से

सुझावशेयर बाजारआईपीओकमोडिटीविदेशी मुद्राबांडटेक्निकल चार्ट

इंश्योरेंसपर्सनल फाइनेंसबचतनिवेशखर्चऋणटैक्सकमाईयोजनाप्रॉपर्टी

ट्रेंडिग टॉपिक

पूर्ण बजट और अंतरिम बजटक्या है राजकोषीय घाटाFRBM एक्टबजट बनाने के 4 चरणोंराजकोषीय नीतिविनिवेशबजट प्लान का मतलबआय और व्यय का ब्योराक्वैरंटाइनराजकोषीय नीतिबजट 2019विधानसभा चुनावसमाचारचुनावलोकसभा चुनाव

मार्केट्स/वेल्थ में टॉप पर

आईटीआर ई-फाइलिंगसेंसेक्स टुडेप्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)EPF बैलेंस चेकपीएम जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)AADHAAR कार्ड डाउनलोडसुकन्या समृद्धि योजना

हमारे नेटवर्क से

इकनॉमिक टाइम्सઈકોનોમિક ટાઈમ્સPune MirrorBangalore MirrorAhmedabad MirrorItsMyAscentEducation TimesBrand CapitalMumbai MirrorTimes NowIndiatimesमहाराष्ट्र टाइम्सವಿಜಯ ಕರ್ನಾಟಕGo GreenAdAge IndiaEisamayIGN IndiaIamGujaratTimes of IndiaSamayam TamilSamayam TeluguMiss KyraBombay TimesFilmipopGames AppMX PlayerNewspaper SubscriptionTimes Prime

ईटी ऐप हिंदी में डाउनलोड करें

हमें फॉलो करें

मेंबर बनें

उपयोग की शर्तें व शिकायत निवारण पॉलिसी
निजता पॉलिसी|फीडबैक

Copyright © 2019 Bennett, Coleman & Co. Ltd. All rights reserved. For reprint rights: Times Syndication Service

Comments

Popular posts from this blog

“ सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय । सात समुद्र की मसि करूँ , गुरु गुण लिखा न जाय ।” भावार्थ :- यदि सारी धरती को कागज़ मान लिया जाए , सारे जंगल - वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्र स्याही हो जाएँ तो भी हमारे द्वारा कभी हमारे गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते है ।हमारे जीवन मे हमारे गुरु की महिमा सदैव अनंत होती है अर्ची, गुरु का ज्ञान हमारे लिए सदैव असीम और अनमोल होता है । इस जगत मे बहुत कम ऐसे गुरू हुए है जिनको उनकी अपनी सफलता के साथ साथ ही उनके अपने शिष्य की सफलता से पहचान मिली हो ऐसे ही भाग्यशाली गुरू रहे है “रमाकान्त आचरेकर” जिन्हे पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कोच “ क्रिकेट गुरू ” के रूप मे जानती है और इसी रूप मे ही सदैव याद भी रखना चाहती है ! ईश्वर के साम्राज्य मे पहुँचने पर आज गुरू आचरेकर का स्वागत नाराण ने निश्चित तौर पर यही कह कर किया होगा “ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकान्त आचरेकर जी आईए आपका स्वागत है !!” दिवंगत आचरेकर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !! ================================ Bhardwaj@rchita 03/01/2019

माँ सीता के द्वारा माँ पार्वती स्तुति अयोध्याकाण्ड जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनि दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।। भव भव विभव पराभव कारिनि। बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।। [दोहा] पतिदेवता सुतीय महुँ, मातु प्रथम तव रेख। महिमा अमित न सकहिं कहि, सहस सारदा सेष।।235।। सेवत तोहि सुलभ फल चारी। बरदायिनी पुरारि पिआरी।। देबि पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।। मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबहिं कें।। कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं। अस कहि चरन गहे बैदेहीं।। बिनय प्रेम बस भई भवानी। खसी माल मूरति मुसुकानी।। सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ। बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ।। सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।। नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा।। [छंद] मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु, सहज सुंदर साँवरो। करुना निधान सुजान सीलु, सनेहु जानत रावरो।। एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय, सहित हियँ हरषीं अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि, मुदित मन मंदिर चली।। [सोरठा] जानि गौरि अनुकूल सिय, हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे।।

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरु ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता) के समान हैं. गुरु विष्णु (संरक्षक) के समान हैं. गुरु प्रभु महेश्वर (विनाशक) के समान हैं. सच्चा गुरु, आँखों के समक्ष सर्वोच्च ब्रह्म है अपने उस एकमात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करती हूँ, कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं !! साभार : भारद्वाज अर्चिता