गांधी
: जीवन के लैब मे गांधी का ˈप्रैक्टिकल कहता है इनसान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं !
: गांधी कहते है विचारो की शुद्धता, काम की शुद्धता और आचरण की सरलता यह तीन अगर किसी युवा मे है तो वह पूरी दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित करने की ताकत रखता है !
: गांधी जी कहते है युवाओ को सहज और प्रैक्टिकल होना चाहिए यही दो गुण ऐसे है जो एक युवा को आम लोगों से अलग करती हैं ! इस विचार का युवा भी वही काम करता है जो दूसरे करते हैं, लेकिन उसका प्रैक्टिकल होना हमारे समाज को स्वस्थ बदलाव का मकसद देता है !
: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं वह भी एक साधारण व्यक्ति ही थे पर युवा अवस्था मे जिस भेद-भाव, असमानता, तिरस्कार का उन्होने सामना किया उसको ही अपनी ऊर्जा बनाकर करोड़ों लोगो के जीवन में बदलाव लाने का प्रण कर लिया, ! बदलाव लाने का यही प्रण एक युवा विलायत रिटर्न वैरिस्टर को कालजयी चरित्र बना कर दुनिया के सामने आदर्श रूप मे प्रस्तुत कर दिया !
: बापू कहते थे एक युवा व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ और नहीं होता है, युवाओ के परिवर्तनकारी विचार ही उनकी पहचान होती है !
: बापू कहते है एक युवा जो सोचता है वह वही बनता है!
: बापू कहते है एक सच्चा युवा कभी कमजोर, कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है, क्योकि क्षमाशीलता केवल ताकतवर की निशानी है अत: एक युवा को क्षमाशील बनने से पूर्व ताकतवर बनना चाहिए । यह ताकत केवल शारीरिक शक्ति से नहीं आनी चाहिए बल्कि उसके भीतर के परिवर्तनकारी अदम्य इच्छाशक्ति से आनी चाहिए है ।
: बापू कहते है : किसी युवा के भीतर धैर्य का एक छोटा हिस्सा भी टनभर उपदेश से कही बेहतर होता है !
: बापू कहते है : यह तो युवाओ को ही तय करना होगा कि वह गौरव पूर्ण लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, या फिर लक्ष्य तक पहुंचने की जल्दबाजी में ?
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