हमारे स्माइली लाइव परिवार की परम पूजनीय मां स्व० श्रीमती विमला जोशी पत्नी स्व० श्री सुरेश चन्द्र जोशी जी को समर्पित बैनर “स्माइली लाइव क्रिएशन्स” के तहत मातृशक्ति एवम महिला सशक्तिकरण के मानक पर सौ प्रतिशत खरा उतरने वाले एक सच्चे, प्रेरक भारतीय ऐतिहासिक महिला चरित्र “ दुर्गावती देवी वोहरा उर्फ दुर्गा भाभी” ( 1920 मे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी दल की सशक्त युवा महिला नेतृत्व ) पर लेखक विभांशु जोशी, एवम लेखक भारद्वाज अर्चिता को दिनांक 15 सितम्बर 2019 को संयुक्त रूप से किताब लिखने का न्योता मिला !
हमारे स्माइली लाइव परिवार की परम पूजनीय मां स्व० श्रीमती विमला जोशी पत्नी स्व० श्री सुरेश चन्द्र जोशी जी को समर्पित बैनर “स्माइली लाइव क्रिएशन्स” के तहत मातृशक्ति एवम महिला सशक्तिकरण के मानक पर सौ प्रतिशत खरा उतरने वाली विश्व की 48 माँ की कहानी ।
मदर्स डे मां को Dedicate एक ऐसा दिन जिसकी स्थापना के लिए एक अमेरिकी बेटी ने 9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन को भी बाध्य कर दिया था :
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आधुनिक दौर में मां को बेशुमार प्यार व सम्मान देने वाले इस एक विशेष दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। माना जाता है कि अमेरिकी एक्टिविस्ट एना जार्विस ने मदर्स डे मनाए जाने का ट्रेंड शुरू करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाया था ! अमेरिकन एक्टिविस्ट एना मैरी जार्विस अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं। उन्होंने न कभी शादी की और न ही उनका अपना कोई बच्चा ही था। वह हमेशा अपनी मां के साथ रहीं।
एना जार्विस ही संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस (Mothers Day) छुट्टी की संस्थापक मानी जाती है। इस छुट्टी के आरम्भ होने पीछे की जो मुख्य वजह थी वह यह कि एना मैरी जार्विस से उनकी माँ ने अक्सर यह कामना की थी कि : पूरे वर्ष भर मे कोई एक ऐसा दिन तय हो जब दुनिया भर की माताओ के सम्मान मे विशेष आयोजन किए जाएँ और बच्चे अपनी माँ को इस एक दिन अच्छा महसूस करवाएँ । ऐसे एक विशेष दिन की कामना करते हुए बेटी से इस विशेष दिन की स्थापना करवाने की इच्छा व्यक्त करते हुए एना की बुजुर्ग माँ एक दिन इस दुनिया से चल बसी ! अपनी माँ की मृत्यु के बाद एना को बहुत अपराधबोध हुआ की वह अपनी माँ की इच्छा माँ के जीते जी पूरी नही कर पायी ! एक दिन उन्होने तय किया की उस एक विशेष दिन की शुरूआत के लिए सरकार से माँग करते हुए वह माँ के स्मरणोत्सव (Anniversary) के लिए कोई एक दिन तय करवाएँगी पर उनका यह निर्णय सरकार के सामने काम न आ सका सरकार की उदासिनता के चलते आखिरका एना ने आंदोलन करने का निर्णय लिया और आंदोलन का नेतृत्व किया आंदोलन का असर हुआ एना का प्रयास सफल हुआ उनकी माँ की आखिरी इच्छा का सम्मान करते हुए 9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक लॉ पास किया था जिसमें लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्ड डे मनाया जाएगा। अमेरिका में इस लॉ के पास होने के बाद भारत और कई अन्य देशों में भी मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाए जाने की शुरूआत हुई ।
नमन उस बेटी एना वर्जिस को अपनी माँ के प्रति जिसके अथाह प्यार ने दुनिया को मदर्स डे के रूप मे मई माह का दूसरा सण्डे ( रविवार ) सौपा !
तो आईए इस वर्ष रविवार 12 मई 2019 को हम सब अपना पूरा एक दिन अपनी माँ के नाम करे और कुछ ऐसा काम करे कि हमारी माँ धरा से लेकर अनन्त ब्रहमाण्ड मे जहाँ की भी हो हमारे कार्यो पर उन्हे सम्मान की अनुभूति प्राप्त हो !
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सहयोग से : Vibhanshu Joshi जी बाल कानून
कलम से :
अर्चिता
इस Mothers Day 12 मई 2019 से बाल कानून विशेषज्ञ @Vibhanshu Joshi SmileyLive एवम पत्रकार भारद्वाज अर्चिता द्वारा संयुक्त रूप से कलमबद्ध करके शुरू हुई धरती की शक्तिशाली माँ को समर्पित हमारी लेख श्रंखला “माँ तेरा आँचल जो हमेशा साथ रहता है” की प्रथम कडी आज अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत है ! इस कड़ी के अंतर्गत आज आप रूबरू हो रहे हैं वैश्विक स्तर पर कीर्तिमान प्राप्त भारत के अद्वितीय दार्शनिक - संत पुत्र विवेकानन्द के युगपुरूष बनने मे उनकी माँ “माता भुवनेश्वरी देवी” के अतुल्य त्याग एवम योगदान से !
आप सभी से आग्रह है हमारे साप्ताहिक लेख श्रृंखला के अन्तर्गत इतिहास के पन्नों मे रची - बसी इस महान माँ के चरित्र को “माँ तेरा आँचल जो हमेशा साथ रहता है ” श्रृंखला के अन्तर्गत जिसे लिखा गया है आप सब जरूर पढ़े ! विशेषत: हमारी माताएँ खुद भी पढ़े, और अपने बच्चो को भी पढ़ाएँ - सुनाए ।
Happy Mothers Day🙏🙏
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2197537390332630&id=100002291725768
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साभार :
@VibhanshuJoshi SmileyLive
@भारद्वाज अर्चिता
13/05/2019
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