हमारे SmileyLive परिवार VibhanshuJoshi और Bhardwaj Archita की तरफ से मशहूर शख्सियत के मालिक मरहूम खय्याम साहब को हमारी भावपूर्ण रचना के द्वारा अश्रुपूरित विदाई, यथा : ****************************** यह बेतहाशा अँधेरा गवाह है कि : जिंदगी की साँझ हो गयी, ॥ बहुत शकरी सी हैं राहें यहाँ रिश्तों के शहर की वफा के चौक तक आते-आते जिंदगी की साँझ हो गयी ॥ शब्द - शब्द गीत होकर दोनो हाथों से दिल खोल कर जिंदगी की जागीर को लुटाया जिसने शख्सियत उसकी ही इस जहाँ में कामयाब हो गयी ॥ गुस्ताखी होगी गर मैं यह कहूँ इस जहां से शायर तेरा इंतेक़ाल हो गया, गीत मरा नहीं करती, ग़ज़ल मरा नहीं करती, है पता मुझे जिंदा रहेंगे तुमसे नगमए चाहत के, कि : जिंदगी की साँझ हो गयी ॥ वक्त के तानपुरे पर राग जो सजे हैं गुनगुनाएँगी उसे सदिया कई,अवि भरी महफ़िल मे छोड़ कर ग़ज़ल लो अब खय्याम चल दिया कि : जिंदगी की साँझ हो गयी ॥ ========================== कलम से : विभांशु जोशी@VibhanshuJoshiSmileyLive भारद्वाज अर्चिता ( पत्रकार ) 20/08/2019
हमारे SmileyLive परिवार VibhanshuJoshi और Bhardwaj Archita की तरफ से मशहूर शख्सियत के मालिक मरहूम खय्याम साहब को हमारी भावपूर्ण रचना के द्वारा अश्रुपूरित विदाई, यथा :
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यह बेतहाशा अँधेरा गवाह है
कि : जिंदगी की साँझ हो गयी, ॥
बहुत शकरी सी हैं राहें यहाँ
रिश्तों के शहर की
वफा के चौक तक आते-आते
जिंदगी की साँझ हो गयी ॥
शब्द - शब्द गीत होकर
दोनो हाथों से दिल खोल कर
जिंदगी की जागीर को लुटाया जिसने
शख्सियत उसकी ही इस जहाँ में कामयाब हो गयी ॥
गुस्ताखी होगी गर मैं यह कहूँ
इस जहां से शायर तेरा इंतेक़ाल हो गया,
गीत मरा नहीं करती, ग़ज़ल मरा नहीं करती,
है पता मुझे जिंदा रहेंगे तुमसे नगमए चाहत के,
कि : जिंदगी की साँझ हो गयी ॥
वक्त के तानपुरे पर राग जो सजे हैं
गुनगुनाएँगी उसे सदिया कई,अवि
भरी महफ़िल मे छोड़ कर ग़ज़ल
लो अब खय्याम चल दिया
कि : जिंदगी की साँझ हो गयी ॥
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कलम से :
विभांशु जोशी@VibhanshuJoshiSmileyLive
भारद्वाज अर्चिता ( पत्रकार )
20/08/2019
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