Dr.kumar Vishwas

Dr. Kumar Vishwas लाजवाब प्रस्तुति कवि : आज तुम्हारी आवाज एवम गीत के जादू से अविभूत होकर बधाई स्वरूप छोटी बहन की भावनाएँ तुम्हारे लिए!यथा: 

मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना
जीवन बनकर
जन - जन के जीवन मे,
मद्धम - मद्धम
मन्थर - मन्थर
तुम पियूष हो कविता के
तुम गरल पर अमरता के प्रतीक
मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना
मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना !!

सदी गुजरती है
तब जनमती है कलम कोई
लिखने हालाती पाषाणो पर कविता
गीत - गीत तुम स्पन्दन हो
तुम सारदे की वीणा से निकले वन्दन हो
मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना
मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना !!

बहन बलाएँ तुम्हारी लेती आज
दिल से दुआएँ तुम्हे देती आज
काल चक्र के मस्तक पर
कालजयी होकर
मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना
मेरे कवि तुम ऐसे ही बहते रहना !!
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता

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“ सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय । सात समुद्र की मसि करूँ , गुरु गुण लिखा न जाय ।” भावार्थ :- यदि सारी धरती को कागज़ मान लिया जाए , सारे जंगल - वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्र स्याही हो जाएँ तो भी हमारे द्वारा कभी हमारे गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते है ।हमारे जीवन मे हमारे गुरु की महिमा सदैव अनंत होती है अर्ची, गुरु का ज्ञान हमारे लिए सदैव असीम और अनमोल होता है । इस जगत मे बहुत कम ऐसे गुरू हुए है जिनको उनकी अपनी सफलता के साथ साथ ही उनके अपने शिष्य की सफलता से पहचान मिली हो ऐसे ही भाग्यशाली गुरू रहे है “रमाकान्त आचरेकर” जिन्हे पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कोच “ क्रिकेट गुरू ” के रूप मे जानती है और इसी रूप मे ही सदैव याद भी रखना चाहती है ! ईश्वर के साम्राज्य मे पहुँचने पर आज गुरू आचरेकर का स्वागत नाराण ने निश्चित तौर पर यही कह कर किया होगा “ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकान्त आचरेकर जी आईए आपका स्वागत है !!” दिवंगत आचरेकर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !! ================================ Bhardwaj@rchita 03/01/2019

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