गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
मेरा प्रथम प्रणाम मेरे गुरू, मेरे बाबा को,और फिर कोटिश: प्रणाम मेरा मेरे गोबिंद भगवान भोले नाथ को !
ऊँ श्री गुरूवे नम:
ऊँ नम: शिवाय ॥
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
मेरा प्रथम प्रणाम मेरे गुरू, मेरे बाबा को,और फिर कोटिश: प्रणाम मेरा मेरे गोबिंद भगवान भोले नाथ को !
ऊँ श्री गुरूवे नम:
ऊँ नम: शिवाय ॥
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