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नेल्सन मंडेला के बारे में 10 रोचक तथ्य

नेल्सन मंडेला 23 साल की उम्र में जोहानिसबर्ग आ गए थे. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद को खत्म करने में नेल्सन मंडेला ने अग्रणी भूमिका निभाई थी और दुनिया भर में अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई. वे दक्षिण अफ्रिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे, जिनको दुसरे गाँधी के नाम से भी जाना जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से नेल्सन मंडेला के बारे में अध्ययन करते हैं.

SHIKHA GOYAL

JUL 18, 2018 13:40 IST

10 Amazing facts about Nelson Mandela

नेल्सन मंडेला का जन्म बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो (Mvezo) गाँव में 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका में हुआ था. नेल्सन मंडेला, अब्राहम लिंकन और मार्टिन लूथर किंग के विचारों को मानने वाले, दक्षिण अफ्रिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे, जिनको दुसरे गाँधी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ये भी गाँधी जी की तरह अहिंसा में विश्वास करते थे. उनकी माता का नाम नोमजामो विनी मेडीकिजाला था, वे एक मैथडिस्ट थीं. पिता का नाम गेडला हेनरी था. वे गाँव के प्रधान थे. उनके बचपन का नाम रोहिल्हाला था, जिसका अर्थ होता है पेड़ की डालियां तोड़ने वाला या उपद्रवी बच्चा. बारह वर्ष की अल्प आयु में उनके सर से पिता का साया उठ गया था.

 

“जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं तो आप किसी भी चीज पर काबू पा सकते हैं.”

“जब तक काम किया ना जाए वो असंभव ही लगता है.”

23 साल की उम्र में शादी से भागकर वे जोहानिसबर्ग आ गए थे. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद को खत्म करने में नेल्सन मंडेला ने अग्रणी भूमिका निभाई थी और दुनिया भर में अन्याय के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बने. लम्बी बिमारी के बाद उनका 5 दिसंबर, 2013को निधन हो गया था. नेल्सन मंडेला के जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में 18 जुलाई को हर वर्ष मनाता है. आइये इस लेख के माध्यम से नेल्सन मंडेला के बारे में 10 रोचक तथ्यों पर अध्ययन करते हैं.

नेल्सन मंडेला के बारे में 10 रोचक तथ्य

1. अपने परिवार में नेल्सन मंडेला पहले व्यक्ति थे जिन्होंने औपचारिक शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल में एवं स्नातक शिक्षा हेल्डटाउन में पूरी की थी. हम आपको बता दें कि ‘हेल्डटाउन’ अश्वेतों के लिए बनाया गया एक विशेष कॉलेज था. इसी कॉलेज में मंडेला की मुलाकात ‘ऑलिवर टाम्बो’ से हुई, जो जीवन भर उनके दोस्त एवं सहयोगी रहे. अपने राजनैतिक विचारों और क्रियाकलापों के कारण नेल्सन मंडेला और ऑलिवर टाम्बो ने लोकप्रियता हासिल की और विश्वविद्यालय नीतियों के खिलाफ बहिष्कार में भाग लेने के लिए उन्हें घर भेज दिया गया था.

2. नेल्सन मंडेला के क्रांतिकारी विचारों के कारण उनका परिवार काफी चिंतित रहता था. इसलिए उन्होंने मंडेला का विवाह कराने का निर्णय लिया परन्तु नेल्सन मंडेला निजी जीवन को दरकिनार करते हुए घर से भागकर जोहान्सबर्ग चले गये. वहाँ उन्होने सोने की खदान में चौकीदार की नौकरी की एवं वहीं अलेंक्जेंडरा नामक बस्ती में रहने लगे. इसके बाद उन्होने एक कानूनी फर्म में लिपिक की भी नौकरी की थी. दो साल बाद उन्होंने अफ्रीकानेर विटवाटरस्रांड विश्वविद्यालय में वकालत की पढ़ाई की और वहीं उनकी मुलाकात सभी नस्लों और पृष्टभूमि के लोगों से हुई. 1944 में, मंडेला अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (ANC) में शामिल हुए और ओलिवर टैम्बो समेत साथी पार्टी के सदस्यों के साथ काम किया, ताकि युवालीग, ANCYL को स्थापित किया जा सके. उसी वर्ष उन्होंने Evelyn Ntoko Mase (1922-2004) से विवाह किया जो उनकी पहली पत्नी बनी  और 1957 में उनका तलाक हुआ, इनसे उनके चार बच्चे है.

3. जोहान्सबर्ग में वे ‘वाटर सिसलु’ और ‘वाटर एल्बरटाइन’ से मिले जिन्होंने उनके राजनीतिक जीवन पर अत्यधिक प्रभाव डाला. इन सभी साथियों के साथ मिलकर उन्होंने ‘अफ्रिकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग’ (ANCYL ) का गठन किया और 1947 में नेल्सन मंडेला को इस संगठन का सचिव चुना गया था.

“पैसों से सफलता नहीं मिलती. पैसे कमाने की स्वतंत्रता से सफलती मिलती है.”

4. नेल्सन मंडेला ने कानूनी लङाई को लङने के लिए1952 में एक कानूनी फर्म की स्थापना की. जिसमें नस्लीय कानून से प्रभावित लोगों को मुफ्त या कम लागत वाली कानूनी सलाह दी जाती थी. 5 दिसंबर, 1956 को मंडेला और 155 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और राजद्रोह के लिए मुकदमा चलाया गया था. 1961 में नेल्सन तथा 29 साथियों को निर्दोष घोषित करते हुए छोङ दिया गया.

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5. नेल्सन मंडेला ने 1961 में सह-स्थापना की और Umkhonto we Sizwe (“Spear of the Nation”) के पहले नेता बन गए, जिसे ANC की एक नई सशस्त्र शाखा MK भी कहा जाता है. कई सालों बाद, मुकदमे के दौरान उन्हें लगभग तीन दशकों तक सलाखों के पीछे रखा गया, उन्होंने इस पार्टी के मूल सिद्धांतों से इस कट्टरपंथी प्रस्थान के तर्क का वर्णन किया. मंडेला के नेतृत्व में, MK ने सरकार के खिलाफ एक अभियान शुरू किया, जिसने दक्षिण अफ्रीका को गणराज्य घोषित कर दिया था और ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से वापस ले लिया था. जनवरी 1962 में, मंडेला ने इथियोपिया में अफ्रीकी राष्ट्रवादी नेताओं के सम्मेलन में भाग लेने के लिए अवैध रूप से विदेश यात्रा की, लंदन में निर्वासित ओलिवर टैम्बो का दौरा किया और अल्जीरिया में गुरिल्ला प्रशिक्षण लिया. 5 अगस्त को, उनकी वापसी के कुछ ही समय बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उन्हें देश छोड़ने और 1961 के श्रमिकों की हड़ताल को उकसाने के लिए जेल में पांच साल की सजा सुनाई गई थी.

6. हम आपको बता दें कि नेल्सन मंडेला ने केप टाउन के तट पर एक पूर्व leper colony, रोबेन आइलैंड (Robben Island) जेल में 27 साल की सजा में अपने पहले 18 साल इसी जेल में बिताए, जहां वह बिना बिस्तर के एक छोटे से सेल में रहते थे और उनको एक खदान में कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर किया जाता था. एक अश्वेत राजनीतिक कैदी के रूप में, उन्हें अन्य कैदियों की तुलना में कम राशन और कम विशेषाधिकार प्राप्त हुए.

उन्हें केवल अपनी पत्नी Winnie Madikizela-Mandela को देखने की इजाजत थी, जिससे उन्होंने 1958 में शादी की थी और विनी ने दो बेटियों को जन्म दिया था. हर छह महीने में वे अपनी इन दो छोटी बेटियों से मिल सकते थे. इन प्रतिबंधों और शर्तों के बावजूद, कारावास में मंडेला ने लंदन विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपने साथी कैदियों के लिए एक सलाहकार के रूप में कार्य किया, जिससे उन्हें अहिंसक प्रतिरोध के माध्यम से बेहतर उपचार की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. उनकी आत्मकथा “Long Walk to Freedom” उनकी रिहाई के पांच साल बाद प्रकाशित हुई.

“हमें समय का उपयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए और इस बात को याद रखना चाहिए कि कोई भी काम करने का कोई गलत समय नहीं होता. समय पर सब काम कर देना चाहिए.”

7. 1980 में ओलिवर टैम्बो ने एक "फ्री नेल्सन मंडेला" अभियान शुरू किया जिसने मंडेला को एक नेता के रूप में घरेलू नाम दिया और दक्षिण अफ्रीका के जातिवादी शासन के खिलाफ बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आवाज़ को बढ़ावा दिया. दबाव बढ़ने के साथ ही, सरकार ने मंडेला को विभिन्न राजनीतिक समझौतों के बदले में उनकी आजादी देने के लिए कहा, जिसमें हिंसा की घोषणा और "स्वतंत्र" ट्रांसकेई बैंटस्टन की मान्यता शामिल थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से इन सौदों को खारिज कर दिया.

1982 में मंडेला को Pollsmoor जेल में रखा गया था और बाद में रिहा किया गया था. 1988 में उन्हें न्यूनतम सुरक्षा सुधार सुविधा के आधार पर फिर से गिरफ्तार किया गया. अगले वर्ष, नव निर्वाचित राष्ट्रपति एफ डब्ल्यू डी क्लर्क ने ANC पर प्रतिबंध हटा दिया और एक गैर-राष्ट्रवादी दक्षिण अफ्रीका कहकर संबोधित किया और रूढ़िवादी विचारधारा को खारिज किया. 11 फरवरी, 1990 को, उन्होंने मंडेला की रिहाई का आदेश दिया था.

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8. दिसम्बर 1993 में नेल्सन मंडेला को नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 26 अप्रैल, 1994 को, 22 मिलियन से अधिक दक्षिण अफ़्रीकी इतिहास में देश के पहले बहुआयामी संसदीय चुनावों में मतपत्र डालने गए थे. एक भारी बहुमत ने देश का नेतृत्व करने के लिए ANC का चयन किया और 10 मई को मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली , जिसमें डी क्लर्क पहले डिप्टी के रूप में कार्यरत हुए. 1996 में मंडेला ने एक नए दक्षिण अफ़्रीकी संविधान के अधिनियमन की अध्यक्षता की, जिसने बहुमत के आधार पर एक मजबूत केंद्र सरकार की स्थापना की और गोरे सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव को प्रतिबंधित किया.

9. उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय "Government of National Unity" का गठन किया और देश को “rainbow nation at peace with itself and the world” के रूप में घोषित किया. उन्होंने काले और गोरे का भेद हटाया और दक्षिण अफ्रीका ने 1995 रग्बी विश्व कप की मेजबानी की. 1998 में अपने 80 वें जन्मदिन पर, मंडेला ने मोज़ाम्बिक के पूर्व राष्ट्रपति की विधवा राजनेता और मानवतावादी Graça Machel से शादी की.  1992 में विनी के साथ उनका तलाक हो गया था. अगले वर्ष, वह राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के अंत में राजनीति से सेवानिवृत्त हुए और ANC के डिप्टी, थोबो मबेकी उत्तराधिकारी बने.

10. उन्होंने प्रभावशाली नेल्सन मंडेला फाउंडेशन और The Elders जैसी कई वैश्विक संगठनों को संबोधित करने और मानव पीड़ा को आसान बनाने के लिए किए गए सार्वजनिक आंकड़ों का एक स्वतंत्र समूह समेत कई संगठनों की स्थापना की. क्या आप जानते हैं कि 2008 तक भी नेल्सन मंडेला का नाम अमेरिका की आतंकियों की लिस्ट में था और 2008 से पहले इनकी अमेरिका में एंट्री बैन थी.

जेल में उनको बिना चश्में के काम करवाया जाता था और सूर्य की चमक से उनकी द्रष्टि डैमेज हो गई थी. नेल्सन मंडेला के शासन में तकरीबन 75000 मकानों का निर्माण किया गया, लगभग 20 लाख लोगों को बिजली पहुंचाई गयी और 30 लाख लोगों तक पानी पहुंचाया गया. उनका कैदी नंबर 466/64 भी उनके साथ अमर हो गया, जो अब एड्स के खिलाफ मुहीम की पहचान बन चुका है. उनको 695 से अधिक अवार्ड मिले, जिसमें नोबेल प्राइज भी शामिल है.  2009 में संयुक्त राष्ट्र ने 18 जुलाई मंडेला के जन्म दिवस पर "नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस" की घोषणा की, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में और दुनिया भर में लोकतंत्र, स्वतंत्रता, शांति और मानवाधिकारों के लिए योगदान दिया था. 5 दिसंबर, 2013 को नेल्सन मंडेला की फेफड़ों के संक्रमण के कारण निधन हो गया.

इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि अगर इंसान सच्चे मन और लगन से किसी भी काम को करने का ठान ले तो सफलता जरुर मिलती है जैसे नेल्सन मंडेला को मिली और उनके त्याग, संघर्ष की महागाथा पूरी दुनिया में सबको प्रेरित करती है. उन्होंने लेकतांत्रिक और स्वतंत्र समाज की कल्पना की जहाँ सभी लोग शांती से मिलजुल कर रहें और सबको समान अवसर प्राप्त हो.

“अगर आप अपने काम के लिए समर्पित और उत्साही हैं तो सफलता आपके कदम चूमेगी.”

“मुसीबतें किसी को तोड़ती हैं तो किसी को मजबूत भी बनाती हैं. कोई भी कुल्हाड़ी इतनी तेज नहीं होती कि वो लगातार प्रयास करने वाले के हौसले को तोड़ सके.”

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“ सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय । सात समुद्र की मसि करूँ , गुरु गुण लिखा न जाय ।” भावार्थ :- यदि सारी धरती को कागज़ मान लिया जाए , सारे जंगल - वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्र स्याही हो जाएँ तो भी हमारे द्वारा कभी हमारे गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते है ।हमारे जीवन मे हमारे गुरु की महिमा सदैव अनंत होती है अर्ची, गुरु का ज्ञान हमारे लिए सदैव असीम और अनमोल होता है । इस जगत मे बहुत कम ऐसे गुरू हुए है जिनको उनकी अपनी सफलता के साथ साथ ही उनके अपने शिष्य की सफलता से पहचान मिली हो ऐसे ही भाग्यशाली गुरू रहे है “रमाकान्त आचरेकर” जिन्हे पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कोच “ क्रिकेट गुरू ” के रूप मे जानती है और इसी रूप मे ही सदैव याद भी रखना चाहती है ! ईश्वर के साम्राज्य मे पहुँचने पर आज गुरू आचरेकर का स्वागत नाराण ने निश्चित तौर पर यही कह कर किया होगा “ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकान्त आचरेकर जी आईए आपका स्वागत है !!” दिवंगत आचरेकर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !! ================================ Bhardwaj@rchita 03/01/2019

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