khichadi
आपने मुहावरा तो सुना ही होगा #ढाई_चावल_की_खिचड़ी_अलग_पकाना आज अचानक खिचड़ी खाने का मन हुआ तो मैंने भी अपनी ढाई चावल की अलग ही पका ली | वैसे सुना है मोदी जी का भी पसंदीदा भोजन खिचड़ी ही है। 😂😂😂😂 और लगे हाथ इसी बीच हमने खिचड़ी का इतिहास भी खंगाल डाला | जो आप सब भी जान लीजिये खिचड़ी बनने की परंपरा को शुरू करने वाले बाबा #गोरखनाथ (गोरक्षनाथ) थे। कथा है कि खिलजी के आक्रमण के समय नाथ योगियों को खिलजी से संघर्ष के कारण भोजन बनाने का समय नहीं मिल पाता था। इससे योगी अक्सर भूखे रह जाते थे और कमजोर हो रहे थे। इस समस्या का हल निकालने के लिए बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जी को एक साथ पकाने की सलाह दी। यह व्यंजन काफी पौष्टिक और स्वादिष्ट था। इससे शरीर को तुरंत उर्जा भी मिलती थी। नाथ योगियों को यह व्यंजन काफी पसंद आया। बाबा गोरखनाथ ने इस व्यंजन का नाम खिचड़ी रखा। 😃😃😀 पर आजकल तो हर जगह अलग अलग ढंग की खिचड़ी पक रही है ,जहा देखो वहां अलग ही खिचड़ी पकती दिखती है राजनीति से लेकर विश्वविद्यालय तक हर जगह इसी खिचड़ी का बोलबाला दिखाई देता है ?बाकी कभी खिचडियो के बारे मे विस्तार से लिखा जायेगा फ़िलहाल खिचड़ी खा लेते है 😝😝😝
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