वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2019 तक देश भर के बोर्ड
परीक्षा परिणाम के आंकड़े खंगालने पर एक सच जो सामने आया है वह यह कि : बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों के बीच आत्महत्या का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है ! असफलता के चलते / अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों द्वारा
आत्महत्या जैसे कदम उठाए जाने की आखिर मुख्य वजह क्या है ??
बदलते परिवेश - परिस्थिति के साथ - साथ ही बच्चे के माता - पिता भी किस हद तक जिम्मेदार है बच्चे द्वारा उठाए गए इस गलत कदम के लिए ??
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