बहुत ही सुंदर एवम समसामयिक विषय को लेकर आए है बाबा आप ! हम सब को भी आपकी इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए क्योकि पेय जल संकट किसी एक देश विशेष की समस्या नही है बल्कि आज यह Global ( वैश्विक ) संकट के रूप मे पूरे विश्व के लिए खतरे की घण्टी है !
यह सच हम सब बेहतर जानते है कि : मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होता है। हमारे मस्तिष्क में 85 प्रतिशत जल होता है, हमारे रक्त में 79 प्रतिशत जल होता है ! तथा हमारे Lungs ( फेफड़ों ) में लगभग 80 प्रतिशत जल होता है।
साथ ही हम सब यह भी जानते है कि हमारी पृथ्वी की सतह लगभग 75 प्रतिशत जल से भरी है। लेकिन इसका 97 प्रतिशत जल तो समुद्रों में है तथा पृथ्वी का केवल 3 प्रतिशत जल ही हमारे पीने के योग्य है !
वर्तमान समय मे हमारी पृथ्वी पर उपलब्ध कुल पानी में से मीठा जल लगभग 2 .7 प्रतिशत ही है ! जिस द्रुतगति से विश्व की जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए तो यह चिन्ता होना लाजमी है कि आने वाले समय मे विश्व के सामने सबसे बडा संकट शुद्ध पेय जल का ही खडा होगा क्योकि सिर्फ 0.03 प्रतिशत पीने योग्य पानी जो बचा है पृथ्वी पर वह विश्व की वर्तमान बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से पर्याप्त नही है !
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
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