मेरे अनन्य कवि, राष्ट्रकवि श्रद्धेय दिनकर जी की रचना के माध्यम से आप सभी को भारतीय नव संवत्सर (२०७६) ६ अप्रैल २०१९ परीधावी, भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ये धुंध कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो,
प्रकृति दुल्हन का रूप धर
जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
घर -घर खुशहाली लायेगी,
तब चैत्र-शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय-गान सुनाया जायेगा !!
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