वर्तमान महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ की जो कि प्रारम्भ मे काशी विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था की स्थापना असहयोग आन्दोलन के समय 10 फ़रवरी सन् 1929 को बाबू शिव प्रसाद गुप्त द्वारा भदैनी, वाराणसी में हुई थी। गांधीजी ने स्वयम इसकी आधारशिला रखी थी। देशरत्न शिव प्रसाद जी जो कि एक राष्ट्रवादी शिक्षाविद थे उन्होने ही इस विश्वविद्यालय हेतु भूमि दी और दस लाख रूपये नगद देकर 'श्री हर प्रसाद शिक्षा निधि' की स्थापना कीथी ! जिसके बाद काशी विद्यापीठ हिन्दी माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा का बडा केन्द्र बन गया।
जुलाई 1963 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानद विश्वविद्यालय घोषित किया गया था एवम 15 जनवरी सन् 1975 से इसे चार्टर्ड विश्वविद्यालय का दर्जा भी मिल गया था।
महात्मा गाँधी के स्वावलम्बन तथा स्वराज के आह्वान से प्रेरित होकर ब्रिटिश शासनकाल में भारतीयों द्वारा स्थापित यह पहला आधुनिक विश्वविद्यालय था जो कि पूरी तरह ब्रिटिश अधिकारियों के नियंत्रण और सहायता से परे था।
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