मैम मै आपसे पूछना चाहती हूँ यह उपरोक्त Institution एवम निर्माण इस देश पर नेहरू गाँधी परिवार का एहसान माने जाएँगे अथवाँ उनके कार्यकाल का जरूरी वह हिस्सा जिसके लिए जनता उन्हे चुनी थी....??
मै नेहरू जी, इन्दिरा जी, राजीव जी, सोनिया जी का हर उस नए कदम के लिए दिल से सम्मान करती हूँ जहाँ उन्होने देश की जनता के उत्थान के लिए कुछ नया जोडा है पर इस नया जोडने मे इस परिवार ने देश की सम्पत्ति को भी अपनी पारिवारिवारिक सम्पत्ति समझ कर जहाँ जहाँ लूटा है हर उस जगह पर मै इस देश की नागरिक होने के नाते उनका घोर विरोध करती हूँ और यह लूट का आरोप उनपर उन्ही के कार्यकाल मे देश के उच्चतम न्यायालय के द्वारा लगते एवम साबित होते रहे है यथा
चाहे वह घोटाले का आरोप नेहरू जी पर स्वयम नेहरू जी के मरहूम दामाद फिरोज गाँधी द्वारा केश फाईल करके लगाए एवम साबित किए गए हो !
चाहे नेहरू जी के खिलाफ मूँदडा स्कैण्डल केश 1951 हो,
चाहे विश्वनाथ प्रताप सिह जी द्वारा 1990 मे राजीव जी के प्रति बोफोर्स जैसे घोटाले की फाईलो का खोला जाना हो,
चाहे फिर इन्दिरा के समय का 1971 नागर वाला स्कैण्डल केश हो,
चाहे मारूति घोटाला केश इन्दिरा 1973 हो,
चाहे नेशनल हेराल्ड केश 2011 हो,
चाहे वाड्रा डी०एल०एफ० घोटाला केश 2012 हो,
चाहे फिर आगस्ता हेलिकाप्टर केश 2013,
यह उपरोक्त 7 बडे घोटाले जिनकी जाँच उच्चतम न्यायालय ने करवाया एवम इनपर केश फाईल किया यह साबित करते है कि इस परिवार ने जितना देश का भला नही किया उतना इस देश को लूटा है !
मैडम यह उपरोक्त 7 बडे घोटाले उच्चतम न्यायालय द्वारा साबित घोटाले मुख्य वजह है कि नेहरू गाँधी परिवार से इस देश का हर नागरिक नफरत करे ! मैडम मै पूछती हूँ जब इस देश मे आजादी मिलने के बाद लोकतन्त्र व्यवस्था कायम है तो फिर बिना जनता को विश्वास मे लिए इस देश का प्रधानमन्त्री 1975 मे इस देश पर आपातकाल कैसे थोप सकता था ?
क्या उस थोपे गए आपात काल से आज भी आपको तानासाही की बू नही आती ?
मै पूछती हूँ मैडम क्या लोकतन्त्र मे यह आजादी एक परिवार को मिलती है कि वह 70 साल तक स्वयम ही अपने परिवार के सदस्य को ही पार्टी प्रेसिडेन्ट के पद पर काबिज करता रहे ?
मैडम क्या लोकतन्त्र प्रणालि मे विश्वास करने वाला हमारा यह देश कुछ चन्द परिवारो की बपौती अथवा जागीर मात्र है जो कि उन चन्द परिवारो द्वारा किए गए निर्माण पर उनकी तानासाही की मुहर लगा दिया जाना उचित है ?
इन्दिरा गाँधी ने 1971 मे जो कार्य किया मै दिल से उसके लिए उनका सम्मान करती हूँ ! और इन्दिरा ने 1975 मे देश एवम देश की आम जनता के साथ जो किया उसके लिए दिल से उनकी उस सोच का विरोध करती हूँ !
मैडम कार्य इस देश के लिए केवल नेहरू गाँधी परिवार ने ही नही किया है बल्कि जब मौका मिला तो 1965 मे लाल बहादुर शास्त्री जी ने भी इतिहास रच कर दिखाया था ! बात यह है कि इस गाँधी नेहरू परिवार ने अपने परिवार के अलावा इस देश मे कितना मौका औरो को दिया है !
आपके अपडेट का अगर अनुकरण किया जाए फिर तो नेहरू जी के इस देश के प्रथम प्रधानमन्त्री होने के नाते यह देश केवल नेहरू गाँधी परिवार का ही है इस लिहाज से इस देश पर केवल उनका ही हक है बाकी हम जैसे आम नागरिको को तो इस देश मे रहने का भी हक नही है !
मैडम कहना बस इतना है कि लोकतन्त्र मे कोई भी अपने कर्तापन के अभिमान के चलते कभी तानाशाह नही हो सकता !
दुख इस बात का है कि : नेहरू गाँधी परिवार इस देश को इस देश की सम्पत्ति पर अपना पारिवारिक हक समझते है !
मै एक पत्रकार हूँ ! यहाँ बेबाक अपनी बात रखी है मैने केवल इस लिए की देश के किसी भी नागरिक द्वारा गलत सोच को जनता पर थोपना लोकतन्त्रात्मक व्यवस्था के लिहाज से सही नही है !
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
स्तम्भकार/पत्रकार/लेखिका/
समीक्षक/स्वतंत्र टिप्पणीकार
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