जब मनोहर पर्रिकर ने जाते-जाते गोवा सदन में कहा था- हाउज़ द जोश !
                   लंबी बीमारी के बाद आज रविवार शाम मनोहर परिकर का निधन हो गया ! पिछले तीन दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी! आज शाम उन्होंने आखिरी सांस अपने पणजी स्थित घर में ली ! चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे परिकर को पूरा देश उनकी सादगी की वजह से याद करेगा! वह राजनेता से मिलें या फिर आम लोगों से वह अपनी छाप छोड़ देते थे ! पिछले कुछ दिनों से परिकर की जो तस्वीरें सामने आई उसमें उनकी नाक में लगी नली देश को विचलित कर रही थी ! चुनाव के इस मौसम में भाजपा के लिए मनोहर परिकर का जाना एक बड़ी छती के रुप में देखा जा रहा है !
मनोहर पिछले डेढ साल से अधिक वर्षों से बीमार थे फिर भी उन्होंने काम करना नहीं छोड़ा था ! हाल ही में गोवा का बजट पेश करने से पहले मनोहर परिकर ने कहा था कि परिस्थितियां ऐसी हैं कि मैं न तो इतनी देर तक खड़ा रह सकता हूं, और न ही पूरा बजट ही पेश कर सकता हूं लेकिन मैं सदन को कहना चाहता हूं मैं जोश में और पूरी तरह से होश में हूं !
जिस तरह से मनोहर परिकर ने बीमारी के हालात में भी गोवा में पुल निर्माण से लेकर सदन की कार्रवाई को संभाला वह उनकी अदम्य जीजिविषा को दिखाता था !
मनोहर परिकर के निधन के बाद राजनीतिक महकमें में शोक की लहर है ! पक्ष और विपक्ष हर नेता उन्हें उनकी सादगी की वजह से याद कर रहा है ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर मनोहर परिकर के निधन पर दुख जताया है ! राहुल ने आगे लिखा कि गोवा का सबसे चहेते बेटा थे परिकर ! प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने भी लिखा कि मैं बहुत दुखी हूं,
13 दिसंबर 1955 को जन्मे परिकर आईआईटी बॉंबे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन किया !
वह देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से ग्रैजुएट थे ! परिकर को याद करते हुए उनके साथी सुरेश प्रभु, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी तक उन्हें उनकी सादगी के लिए याद कर रहे हैं !
मनोहर परिकर की एक छवि जो हम सबको बहुत याद जो आ रही है वह छवि है उनकी रबड़ की चप्पल, हाफ शर्ट और पैंट !
पहली बार वह 1994 में पणजी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे ! इसके बाद उन्होंने पीछे पलट कर नहीं देखा ! वह लगातार चार बार इस सीट से जीते, गोवा में मनोहर परिकर ही थे जिन्होंने गोवा को गोवा बनाया !
परिकर भले ही बीमार थे लेकिन वह बीच बीच में घर पर ही पूरा ऑफिस का काम किया करते थे ! उनके आखिरी दिन की बात करें तो उनका वह डायलॉग जो अंतिम दिनों में वह पब्लिक मीटिंग में जब आए तो उन्होंने पूछा था ‘हाउज़ द जोश’ उस दौरान उनकी सभा में आए सभी लोगो ने जोश में उतनी ही बुलंद आवाज में उसका जवाब दिया था !
मनोहर परिकर पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे ! उनका इलाज अमेरिका से लेकर मुंबई और दिल्ली के एम्स तक में हुआ ! परिकर का आखिरी कार्यकाल विवादों में भी रहा ! एक तरफ उनकी बीमारी के बाद जिस तरह से राजनीति में हलचल मची रही वहीं पिछले दिनों वह राहुल गांधी के साथ मिलने को लेकर भी विवाद में रहे !
राहुल गांधी ने परिकर के बहाने पीएम को घेरने की कोशिश की थी ! राहुल ने ट्वीट कर के लिखा था मैं परिकर जी से मिला, परिकर जी ने उन्हें बताया कि राफेल डील बदलते समय पीएम ने हिंदुस्तान के रक्षामंत्री ने नहीं पूछा था ! परिकर राहुल के इस आरोप पर गुस्सा हो गए थे और उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत दी थी और कहा था कि कांग्रेस नेता को एक अस्वस्थ व्यक्ति से अपनी मुलाकात का इस्तेमाल राजनीति के लिए करना ठीक नहीं है ! परिकर ने अपने खत में लिखा था कि मुझे दुख हो रहा है कि आपने हमारी मुलाकात का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया ! मेरे साथ बिताए गए पांच मिनट में आपने न तो राफेल पर कुछ कहा और न हीं इसके संबंध में कोई चर्चा ही हुई थी ! इस बीच परिकर कुछ फाइलों के साथ सामने भी आ गए थे !

Comments

Popular posts from this blog

“ सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय । सात समुद्र की मसि करूँ , गुरु गुण लिखा न जाय ।” भावार्थ :- यदि सारी धरती को कागज़ मान लिया जाए , सारे जंगल - वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्र स्याही हो जाएँ तो भी हमारे द्वारा कभी हमारे गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते है ।हमारे जीवन मे हमारे गुरु की महिमा सदैव अनंत होती है अर्ची, गुरु का ज्ञान हमारे लिए सदैव असीम और अनमोल होता है । इस जगत मे बहुत कम ऐसे गुरू हुए है जिनको उनकी अपनी सफलता के साथ साथ ही उनके अपने शिष्य की सफलता से पहचान मिली हो ऐसे ही भाग्यशाली गुरू रहे है “रमाकान्त आचरेकर” जिन्हे पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कोच “ क्रिकेट गुरू ” के रूप मे जानती है और इसी रूप मे ही सदैव याद भी रखना चाहती है ! ईश्वर के साम्राज्य मे पहुँचने पर आज गुरू आचरेकर का स्वागत नाराण ने निश्चित तौर पर यही कह कर किया होगा “ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकान्त आचरेकर जी आईए आपका स्वागत है !!” दिवंगत आचरेकर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !! ================================ Bhardwaj@rchita 03/01/2019

माँ सीता के द्वारा माँ पार्वती स्तुति अयोध्याकाण्ड जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनि दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।। भव भव विभव पराभव कारिनि। बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।। [दोहा] पतिदेवता सुतीय महुँ, मातु प्रथम तव रेख। महिमा अमित न सकहिं कहि, सहस सारदा सेष।।235।। सेवत तोहि सुलभ फल चारी। बरदायिनी पुरारि पिआरी।। देबि पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।। मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबहिं कें।। कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं। अस कहि चरन गहे बैदेहीं।। बिनय प्रेम बस भई भवानी। खसी माल मूरति मुसुकानी।। सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ। बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ।। सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।। नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा।। [छंद] मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु, सहज सुंदर साँवरो। करुना निधान सुजान सीलु, सनेहु जानत रावरो।। एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय, सहित हियँ हरषीं अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि, मुदित मन मंदिर चली।। [सोरठा] जानि गौरि अनुकूल सिय, हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे।।

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरु ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता) के समान हैं. गुरु विष्णु (संरक्षक) के समान हैं. गुरु प्रभु महेश्वर (विनाशक) के समान हैं. सच्चा गुरु, आँखों के समक्ष सर्वोच्च ब्रह्म है अपने उस एकमात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करती हूँ, कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं !! साभार : भारद्वाज अर्चिता