क्रान्ति का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है
मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है
मुझ जैसे देशभक्तों को अक्सर लोग पागल ही समझते हैं पर उन्हे क्या पता अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए पागल हो जाना हर किसी के बस की बात नही होती !
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क्रान्ति का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है
मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है
मुझ जैसे देशभक्तों को अक्सर लोग पागल ही समझते हैं पर उन्हे क्या पता अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए पागल हो जाना हर किसी के बस की बात नही होती !
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