शहीद मेजर की पत्नी सेना में हुईं भर्ती, संयोग से एग्जाम में मिला वही चेस्ट नम्बर जो पति का था ! पुलवामा अटैक के बाद से पूरा देश गुस्से में है। वहीं, लोग शहीदों की बहादुरी को श्रद्धाजंलि देते हुए आतंक के खिलाफ खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। लोगों की देशभक्ति की भावना के अलावा अगर उन शहीदों के परिवारों के बारे में सोचें, तो लगता है कि उनके लिए ये घटना किसी सदमे से कम नहीं होगी, जिसका दर्द ताउम्र उनके सीने में रहेगा। लेकिन इस दर्द के साथ वो उनका जज्बा और देशभक्ति किसी भी हालत में कम नहीं होती। कुछ ऐसी ही मिसाल है शहीद आर्मी ऑफिसर की पत्नी गौरी। सेना में शामिल होंगी शहीद मेजर की पत्नी शहीद मेजर प्रसाद महादिक की पत्नी गौरी महादिक सेना में शामिल होंगी। उन्होंने सेना में शामिल होने के लिए जरूरी सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा पास की है। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में अप्रैल से उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। उनके पति की ट्रेनिंग भी यहीं हुई थी। 49 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वे मार्च 2020 में सेना में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल होंगी। उग्रवादी हमले में शहीद हुए थे आर्मी मेजर प्रसाद आर्मी मेजर प्रसाद महादिक, अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पोस्टेड थे, जहां दिसंबर 2017 में उग्रवादियों के हमले में वह शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी गौरी ने एसएसबी की तरफ से शहीदों की विधवाओं के लिए आयोजित होने वाली विशेष परीक्षा में टॉप रैंक हासिल किया है। गौरी ने बताया, पति की शहादत के 10 दिनों के बाद मैं सोच रही थी कि अब क्या करूं। फिर मैंने प्रसाद के लिए कुछ करने को सोचा और सेना जॉइन करने को ही अपना लक्ष्य बना लिया। https://twitter.com/ANI/status/1099668527504592896 शादी के दो साल बाद शहीद हुए थे मेजर प्रसाद महादिक मेजर प्रसाद महादिक और गौरी की शादी को दो साल हुए थे, जब वह शहीद हो गए। मेजर महादिक (31) भारतीय सेना की 7 बिहार रेजिमेंट में अधिकारी थे। भारत-चीन बॉर्डर के पास तवांग में उनकी पोस्टिंग थी, जहां 30 दिसंबर 2017 को उग्रवादियों की फायरिंग में वह शहीद हो गए थे। सुबह 6 बजे उनके बैरक पर गोलीबारी शुरू हो गई थी। ‘ऐसे संयोग जिससे लगता है कि पति हर पल साथ हैं’ कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़ आर्मी जॉइन करने वाली गौरी ने अपने शहीद पति के साथ खास तरह के संयोग का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया, भोपाल और इलाहाबाद में एग्जाम के वक्त मुझे चेस्ट नंबर 28 दिया गया था, मेरे पति का भी यही नंबर था। इसके अलावा मेडिकल टेस्ट में मुझे 45 चेस्ट नंबर दिया गया था, जो कि मेरे पति के जन्म की तारीख 9 (4 5) है। वह मेरे लिए लकी हैं और हर पल मेरे साथ है !

शहीद मेजर की पत्नी सेना में हुईं भर्ती, संयोग से एग्जाम में मिला वही चेस्ट नम्बर जो पति का था !
पुलवामा अटैक के बाद से पूरा देश गुस्से में है। वहीं, लोग शहीदों की बहादुरी को श्रद्धाजंलि देते हुए आतंक के खिलाफ खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। लोगों की देशभक्ति की भावना के अलावा अगर उन शहीदों के परिवारों के बारे में सोचें, तो लगता है कि उनके लिए ये घटना किसी सदमे से कम नहीं होगी, जिसका दर्द ताउम्र उनके सीने में रहेगा। लेकिन इस दर्द के साथ वो उनका जज्बा और देशभक्ति किसी भी हालत में कम नहीं होती। कुछ ऐसी ही मिसाल है शहीद आर्मी ऑफिसर की पत्नी गौरी।
सेना में शामिल होंगी शहीद मेजर की पत्नी शहीद मेजर प्रसाद महादिक की पत्नी गौरी महादिक सेना में शामिल होंगी। उन्होंने सेना में शामिल होने के लिए जरूरी सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा पास की है। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में अप्रैल से उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। उनके पति की ट्रेनिंग भी यहीं हुई थी। 49 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वे मार्च 2020 में सेना में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल होंगी।
उग्रवादी हमले में शहीद हुए थे आर्मी मेजर प्रसाद आर्मी मेजर प्रसाद महादिक, अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पोस्टेड थे, जहां दिसंबर 2017 में उग्रवादियों के हमले में वह शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी गौरी ने एसएसबी की तरफ से शहीदों की विधवाओं के लिए आयोजित होने वाली विशेष परीक्षा में टॉप रैंक हासिल किया है। गौरी ने बताया, पति की शहादत के 10 दिनों के बाद मैं सोच रही थी कि अब क्या करूं। फिर मैंने प्रसाद के लिए कुछ करने को सोचा और सेना जॉइन करने को ही अपना लक्ष्य बना लिया। https://twitter.com/ANI/status/1099668527504592896 शादी के दो साल बाद शहीद हुए थे मेजर प्रसाद महादिक मेजर प्रसाद महादिक और गौरी की शादी को दो साल हुए थे, जब वह शहीद हो गए। मेजर महादिक (31) भारतीय सेना की 7 बिहार रेजिमेंट में अधिकारी थे। भारत-चीन बॉर्डर के पास तवांग में उनकी पोस्टिंग थी, जहां 30 दिसंबर 2017 को उग्रवादियों की फायरिंग में वह शहीद हो गए थे। सुबह 6 बजे उनके बैरक पर गोलीबारी शुरू हो गई थी।
‘ऐसे संयोग जिससे लगता है कि पति हर पल साथ हैं’ कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़ आर्मी जॉइन करने वाली गौरी ने अपने शहीद पति के साथ खास तरह के संयोग का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया, भोपाल और इलाहाबाद में एग्जाम के वक्त मुझे चेस्ट नंबर 28 दिया गया था, मेरे पति का भी यही नंबर था। इसके अलावा मेडिकल टेस्ट में मुझे 45 चेस्ट नंबर दिया गया था, जो कि मेरे पति के जन्म की तारीख 9 (4 5) है। वह मेरे लिए लकी हैं और हर पल मेरे साथ है !

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“ सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय । सात समुद्र की मसि करूँ , गुरु गुण लिखा न जाय ।” भावार्थ :- यदि सारी धरती को कागज़ मान लिया जाए , सारे जंगल - वनों की लकड़ी की कलम बना ली जाए तथा सातों समुद्र स्याही हो जाएँ तो भी हमारे द्वारा कभी हमारे गुरु के गुण नहीं लिखे जा सकते है ।हमारे जीवन मे हमारे गुरु की महिमा सदैव अनंत होती है अर्ची, गुरु का ज्ञान हमारे लिए सदैव असीम और अनमोल होता है । इस जगत मे बहुत कम ऐसे गुरू हुए है जिनको उनकी अपनी सफलता के साथ साथ ही उनके अपने शिष्य की सफलता से पहचान मिली हो ऐसे ही भाग्यशाली गुरू रहे है “रमाकान्त आचरेकर” जिन्हे पूरी दुनिया सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कोच “ क्रिकेट गुरू ” के रूप मे जानती है और इसी रूप मे ही सदैव याद भी रखना चाहती है ! ईश्वर के साम्राज्य मे पहुँचने पर आज गुरू आचरेकर का स्वागत नाराण ने निश्चित तौर पर यही कह कर किया होगा “ क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकान्त आचरेकर जी आईए आपका स्वागत है !!” दिवंगत आचरेकर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !! ================================ Bhardwaj@rchita 03/01/2019

माँ सीता के द्वारा माँ पार्वती स्तुति अयोध्याकाण्ड जय जय गिरिबरराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनि दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।। भव भव विभव पराभव कारिनि। बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।। [दोहा] पतिदेवता सुतीय महुँ, मातु प्रथम तव रेख। महिमा अमित न सकहिं कहि, सहस सारदा सेष।।235।। सेवत तोहि सुलभ फल चारी। बरदायिनी पुरारि पिआरी।। देबि पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।। मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबहिं कें।। कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं। अस कहि चरन गहे बैदेहीं।। बिनय प्रेम बस भई भवानी। खसी माल मूरति मुसुकानी।। सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ। बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ।। सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।। नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा।। [छंद] मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु, सहज सुंदर साँवरो। करुना निधान सुजान सीलु, सनेहु जानत रावरो।। एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय, सहित हियँ हरषीं अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि, मुदित मन मंदिर चली।। [सोरठा] जानि गौरि अनुकूल सिय, हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे।।

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरु ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता) के समान हैं. गुरु विष्णु (संरक्षक) के समान हैं. गुरु प्रभु महेश्वर (विनाशक) के समान हैं. सच्चा गुरु, आँखों के समक्ष सर्वोच्च ब्रह्म है अपने उस एकमात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करती हूँ, कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं !! साभार : भारद्वाज अर्चिता