विश्व में पहुँच कर हिन्दी की खूबसूरत चटनी बनती है। गिरमिट देशों की भोजपुरी हिन्दी, पंजाब के पिंड से उठ कर आए लोगों की पंजाबी हिन्दी, तमिलों-मलयालीयों की हिन्दी, बंगाली हिन्दी, ऊर्दू हिन्दी, मराठी-गुजराती हिन्दी, बंबइया हिंदी और दूसरी-तीसरी पीढ़ी के बच्चों की अंग्रेज़िया-बॉलीवुडिया हिन्दी। कभी-कभी लगता है कि डायस्पोरा की हिन्दी शुद्धतावादियों की हिन्दी पर बीस नहीं, तो उन्नीस भी नहीं। जैसे पूरा भारत एक कबूतरखाने जैसी इमारत में कैद हो गया हो, और सभी कबूतर जैसे-तैसे संवाद बना रहे हों। हालांकि यह बात एम्बैसी में भेजे गए राजभाषा गुर्गे कम बूझते हैं, और थोपम-थोपी में चटनी का स्वाद कसैला कर डालते हैं।
विश्व में पहुँच कर हिन्दी की खूबसूरत चटनी बनती है। गिरमिट देशों की भोजपुरी हिन्दी, पंजाब के पिंड से उठ कर आए लोगों की पंजाबी हिन्दी, तमिलों-मलयालीयों की हिन्दी, बंगाली हिन्दी, ऊर्दू हिन्दी, मराठी-गुजराती हिन्दी, बंबइया हिंदी और दूसरी-तीसरी पीढ़ी के बच्चों की अंग्रेज़िया-बॉलीवुडिया हिन्दी। कभी-कभी लगता है कि डायस्पोरा की हिन्दी शुद्धतावादियों की हिन्दी पर बीस नहीं, तो उन्नीस भी नहीं। जैसे पूरा भारत एक कबूतरखाने जैसी इमारत में कैद हो गया हो, और सभी कबूतर जैसे-तैसे संवाद बना रहे हों। हालांकि यह बात एम्बैसी में भेजे गए राजभाषा गुर्गे कम बूझते हैं, और थोपम-थोपी में चटनी का स्वाद कसैला कर डालते हैं।
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