नए वर्ष का प्रथम् दिन पूर्व के वर्षो की तरह इस वर्ष भी खुद से मेरा कोई वादा नही

office मे बहुत सारी मेरी सहकर्मी साथियो ने बताया की हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उन सबने कोई ना कोई एक आदर्श वादा अपने आप से किया है, जिसपर वह इस पूरे एक वर्ष चलकर अपना गोल एचीव करने के लिए प्रयासरत् रहने वाली है !
उन्होने आज सुबह office पहुँचने पर मेरे द्वारा इस वर्ष के मेरे promised गोल के बारे मे पूछा तो पूर्व के वर्षो की तरह इस वर्ष भी मैने खुद से कोई promised न करने की बात ही बताया उन्हे, और इस बार भी मेरी तुलना मेरी सहकर्मी साथियो ने एक लापरवाह लडकी के रूप मे करके मुझपर हसना लाजमी समझा !
पर यही मेरा सच है, सच मे मैने कभी कोई वादा नही किया किसी नए वर्ष पर स्वयम से क्योकि मै जानती हूँ बचपन से ही मेरी कसम मेरे वादे लम्बे वक्त तक कायम नही रह पाते, समय से पहले ही टूट जाते है, वजह साफ है मै हद से ज्यादे भावुक हूँ कभी भावना पर सख्ती नही बरत सकती चाहे वह रिश्ते हो अथवाँ लेखन दोनों ही क्षेत्र में मै उदारता बरतती हूँ !
बहुत बार ऐसा हुआ है कि मैने किसी अपने को बोला होगा आपकी खुशी के लिए जाओ मै अब बात करके आपको परेशान नही करूँगी पर  एक दो दिन बाद मुझे लगने लगता है अर्चिता जब यह हमारी जिन्दगी ही बिना किसी ऐसे certificate के हमे मिली है जिसपर स्थायित्व कही नही लिखा है, जब हमारी यह जिन्दगी ही पूरी की पूरी टेम्पररी वाले फार्मूले पर आधारित है तो फिर हम उम्र भर के लिए किसी से मूँह फूला कर, जिद्द करके क्यो बैठ जाएँ ? क्यो कदम - कदम पर खुद से दम्भी शर्ते लगाते घूँमे ? क्यो बिना वजह का जिन्दगी से वादा करते चले ? जब तक हमारे भीतर यह हमारी सांस चल रही है क्यो ना केवल कविता कविता बन कर रहे हम ?
मैने भी टीनएज मे एक वादा किया था अपने आपसे जिसपर आज भी कायम हूँ ! मेरा मुझसे किया गया वह वादा था “ अपनी दिनचर्या का सारा घरू काम मै खुद करूँगी, मै कभी अपने घर के काम के लिए कोई मेड नही रखूँगी, मुझे खुशी है कि : आज भी मै अपने उस वादे पर कायम हूँ ! पढ़ाई के साथ भी और पढ़ाई के बाद नौकरी करने के साथ - साथ मैने अपने घर का सारा काम खुद किया है , कभी घरू काम के लिए मेड की जरूरत नही हुई मुझे वजह बस इतनी सी है कि : जब मै 10 क्लास मे थी मुझसे मेरे घरू डाक्टर ने एक बात कही थी अगर स्वस्थ्य रहना है, तो फिर अपने घरू काम खुद करो और उस दिन से आज तक मैने अपने घरू काम स्वयम ही किए है इसमे कोई सक नही की मै पूरी तरह फिट और हेल्दी हूँ ! साथ ही साथ अपने घर पर घर का खाना ही खाना जितना पसन्द है मुझे उससे कही ज्यादे पसन्द है घर पर स्वयम ही हेल्दी और टेस्टी खाना बनाना !
मैने जीवन मे बस एक बार यही स्वयम से यही एक वादा किया है और ताउम्र इस वादे पर कायम रहने का मेरा प्रयास है ! बाकी हर नए वर्ष मै कोई ना कोई सिरफिरा फितूरी वादा खुद से नही कर सकती, रिश्तो मे तो कोई बेमतलब का वादा कभी कर ही नही सकती क्योकि रिश्ते मुझे बहुत अजीज है ! रिश्ते एक बार किसी के साथ कायम हो गए तो उन्हे ताउम्र तवज्जो देना चाहती हूँ ! शायद यही वजह है मेरी जिन्दगी मे भरोसे के रिश्ते बहुत कम है, पर मेरी दुशमनी भी किसी से नही है ! हैल्लो हाय सबसे कायम है ! कम बोलो ज्यादे सुनो भीड मे रहते हुए भी सबसे अलग सोचो बस इसी फार्मूले पर चली जा रही हूँ ! हर वर्ष नए - नए वादा करने वालों से मेरी कोई होड़ नहीं है !
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता

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