॥ नमामि हिन्दी ॥ नमामि राष्ट्रभाषे ॥ ================================= भाषा इस अखण्ड ब्रहमाण्ड मे उपस्थित मानव समाज के साथ - साथ प्रत्येक जीव जन्तु के बीच कायम होती है ! संसार में भाषा के बिना भाव का प्रस्तुतिकरण सम्भव ही नही है अर्ची फिर चाहे मानव समाज हो अथवाँ जीव जन्तु समाज सबके बीच अपनी एक भाषा किसी न किसी रूप मे विद्यमान है ! परन्तु अखिल ब्रहमाण्ड मे ईश्वर द्वारा निर्मित केवल मानव ही एक ऐसी भाग्यशाली कृति है जिसके पास अपनी सभ्य, शुद्ध, सुंदर,भाषा उपलब्ध है ! भाषा चाहे लिखने पढ़ने मे प्रयोग की हो, बोलचाल की हो अथवाँ सांकेतिक भाषा : भाषा का काम है हमारी भावना को सार्थक विस्तार देना ! जब हमारी, आपकी, हम सब की यह भाषा हमारे राष्ट्र, हमारे समाज, हमारे सहित्य को, हमारी भावना को, सम्मान देते हुए, समृद्ध करते हुए, हमें समस्त संसार से भावनात्मक स्तर पर जोडती है तब हमारी यह भाषा हमारे राष्ट्र हमारे समाज के उन्नति एवम विकास का वाहक बन जाती है ! और इस लिहाज से हम सब बहुत ही भाग्यशाली है कि हिन्दी भाषा के रूप मे पूरी तरह परिमार्जित परिष्कृत एवम भाषा विज्ञान के मानक पर वैज्ञानिक रूप से खरी उतरने वाली एक समृद्ध भाषा हमारे राष्ट्र, एवम हम सबके पास है,! विश्वभर मे हिन्दी भाषा की मशाल जलाते हुए रचने, बसने, विचरण करने, एवम अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले मेरे समस्त हिन्दी भाषा - भाषी भारतीय परिवार जनो को आज 10 जनवरी को “विश्व हिंदी दिवस” की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ! मित्रों हिन्दी न केवल हमारी मातृभाषा है, बल्कि इसमें भारत की सभ्यता, संस्कृति, एवम भारत का प्राण बसता है ! अत: आएँ आज हम सब एक साथ मिलकर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य कायम करे और विश्व में भाषायी एवं सांस्कृतिक विविधता, बहुभाषिता, को बढ़ावा देने के साथ ही विविधता के इस संसार में भाषायिक संकीर्णता को मिटाकर एक दूसरे को करीब लाएँ ! आईए अपनी हिंदी को उस मुक़ाम पर ले चलें जिसकी वो वास्तव मे हक़दार है, विशेष रूप से भारत के युवा वर्ग से मेरा विनम्र आग्रह है कृपया अपनी राष्ट्र भाषा के प्रति सचेत हो आप सब और हिन्दी भाषा बोले, हिन्दी भाषा लिखे, हिन्दी भाषा पढ़ें, हिन्दी भाषा का आदर - सम्मान करें, विश्व विरादरी को हिन्दी भाषा की समृद्धि से परिचित कराएँ ।। नमामि हिन्दी#नमामि राष्ट्रभाषे ।। ================================== कलम से : भारद्वाज अर्चिता 10/01/2019
॥ नमामि हिन्दी ॥ नमामि राष्ट्रभाषे ॥
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भाषा इस अखण्ड ब्रहमाण्ड मे उपस्थित मानव समाज के साथ - साथ प्रत्येक जीव जन्तु के बीच कायम होती है !
संसार में भाषा के बिना भाव का प्रस्तुतिकरण सम्भव ही नही है अर्ची फिर चाहे मानव समाज हो अथवाँ जीव जन्तु समाज सबके बीच अपनी एक भाषा किसी न किसी रूप मे विद्यमान है ! परन्तु अखिल ब्रहमाण्ड मे ईश्वर द्वारा निर्मित केवल मानव ही एक ऐसी भाग्यशाली कृति है जिसके पास अपनी सभ्य, शुद्ध, सुंदर,भाषा उपलब्ध है !
भाषा चाहे लिखने पढ़ने मे प्रयोग की हो, बोलचाल की हो अथवाँ सांकेतिक भाषा : भाषा का काम है हमारी भावना को सार्थक विस्तार देना ! जब हमारी, आपकी, हम सब की यह भाषा हमारे राष्ट्र, हमारे समाज, हमारे सहित्य को, हमारी भावना को, सम्मान देते हुए, समृद्ध करते हुए, हमें समस्त संसार से भावनात्मक स्तर पर जोडती है तब हमारी यह भाषा हमारे राष्ट्र हमारे समाज के उन्नति एवम विकास का वाहक बन जाती है ! और इस लिहाज से हम सब बहुत ही भाग्यशाली है कि हिन्दी भाषा के रूप मे पूरी तरह परिमार्जित परिष्कृत एवम भाषा विज्ञान के मानक पर वैज्ञानिक रूप से खरी उतरने वाली एक समृद्ध भाषा हमारे राष्ट्र, एवम हम सबके पास है,!
विश्वभर मे हिन्दी भाषा की मशाल जलाते हुए रचने, बसने, विचरण करने, एवम अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले मेरे समस्त हिन्दी भाषा - भाषी भारतीय परिवार जनो को आज 10 जनवरी को “विश्व हिंदी दिवस” की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ! मित्रों हिन्दी न केवल हमारी मातृभाषा है, बल्कि इसमें भारत की सभ्यता, संस्कृति, एवम भारत का प्राण बसता है ! अत: आएँ आज हम सब एक साथ मिलकर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य कायम करे और विश्व में भाषायी एवं सांस्कृतिक विविधता, बहुभाषिता, को बढ़ावा देने के साथ ही विविधता के इस संसार में भाषायिक संकीर्णता को मिटाकर एक दूसरे को करीब लाएँ ! आईए अपनी हिंदी को उस मुक़ाम पर ले चलें जिसकी वो वास्तव मे हक़दार है, विशेष रूप से भारत के युवा वर्ग से मेरा विनम्र आग्रह है कृपया अपनी राष्ट्र भाषा के प्रति सचेत हो आप सब और हिन्दी भाषा बोले, हिन्दी भाषा लिखे, हिन्दी भाषा पढ़ें, हिन्दी भाषा का आदर - सम्मान करें, विश्व विरादरी को हिन्दी भाषा की समृद्धि से परिचित कराएँ ।।
नमामि हिन्दी#नमामि राष्ट्रभाषे ।।
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
10/01/2019
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