शिमला। वायसराय निवास। एक आम आदमी का रिएक्शन ठेठ देसी अंदाज में। बहुत गर्मी लगती थी अंगेजो को यहां भारत मे। कलकत्ता में । तो कलकत्ता से हजारों मील दूर ऊंची पहाड़ी खोज लिए अपने लिए महल बनवाने को। हद है। अगर यहां की गर्मी इत्ती ही झेलाऊ थी तो इंग्लैंड लौट जाते। क्या डॉक्टर बताए थे हिंदुस्तान में रहने को। चलो मान लिया कि भारत ज्यादा ही अच्छा लग गया था तो यहीं बस जाते ना। परिवार दोस्त अहबाब सबका यहीं बुलाइ लेते कि चलौ भैया भारत मे रही चलै। तब तो यहां खाने कमाने आ गए ।पैसा लूट लूट इंग्लैंड भेजत रहे और जब मन भरि गवा तौ लूट फांट करके इंग्लैंड वापस। अब कोई को अपनी परेशानी सरकार को बतानी हो तो कैसे इत्ती दूर आये। आप तो घोड़ा बग्घी से लाव लश्कर ले के आइ गए। हद है । खुले आम सब लूट खसोट चल रही अंग्रेजो की। अब अगर कोई भारतीय बन्दे से ये नंगा नाच न देखा जाए और वो ठोंक दे तो बहुत गलत तो नही ही ना। एक तो लुटेरे दूसरे विदेशी। फोकट का बहुत माल मारे अंग्रेज यहां। जो जो लोग अंग्रेजी राज मा उनके चिंटू रहे वो धिक्कार के पात्र हैं।
शिमला। वायसराय निवास। एक आम आदमी का रिएक्शन ठेठ देसी अंदाज में।
बहुत गर्मी लगती थी अंगेजो को यहां भारत मे। कलकत्ता में । तो कलकत्ता से हजारों मील दूर ऊंची पहाड़ी खोज लिए अपने लिए महल बनवाने को। हद है। अगर यहां की गर्मी इत्ती ही झेलाऊ थी तो इंग्लैंड लौट जाते। क्या डॉक्टर बताए थे हिंदुस्तान में रहने को। चलो मान लिया कि भारत ज्यादा ही अच्छा लग गया था तो यहीं बस जाते ना। परिवार दोस्त अहबाब सबका यहीं बुलाइ लेते कि चलौ भैया भारत मे रही चलै। तब तो यहां खाने कमाने आ गए ।पैसा लूट लूट इंग्लैंड भेजत रहे और जब मन भरि गवा तौ लूट फांट करके इंग्लैंड वापस। अब कोई को अपनी परेशानी सरकार को बतानी हो तो कैसे इत्ती दूर आये। आप तो घोड़ा बग्घी से लाव लश्कर ले के आइ गए। हद है ।
खुले आम सब लूट खसोट चल रही अंग्रेजो की। अब अगर कोई भारतीय बन्दे से ये नंगा नाच न देखा जाए और वो ठोंक दे तो बहुत गलत तो नही ही ना। एक तो लुटेरे दूसरे विदेशी। फोकट का बहुत माल मारे अंग्रेज यहां।
जो जो लोग अंग्रेजी राज मा उनके चिंटू रहे वो धिक्कार के पात्र हैं।
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