5 दिसंबर मतलब लंबी दूरी के टेलिफोन कॉल को घर घर की चीज बना देने वाली एसटीडी सेवा के अस्तित्व में आने की तारीख !
5 दिसंबर मतलब लंबी दूरी के टेलिफोन कॉल को घर घर की चीज बना देने वाली एसटीडी सेवा के अस्तित्व में आने की तारीख !
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5 दिसंबर 1955 को पहली बार ब्रिटेन की महारानी ने ब्रिस्टल से एडिनबरा में सीधे फोन किया था, यह फोन सूचना की दुनिया मे एक विशेष क्रान्तिकारी दिन था क्योकि पहली बार इतनी लंबी दूरी की फोन कॉल हो पायी थी और वह भी इतनी तेजी से, इस पहली कॉल के साथ ही दुनिया मे एसटीडी यानी की “सब्सक्राइबर ट्रंक डायल” फोन सेवा की शुरुआत हुई इसके पहले ट्रंक कॉल यानी दूसरे शहर में फोन करने की सुविधा केवल टेलिफोन एक्सचेंज के पास ही हुआ करती थी एसटीडी के जरिए यह सुविधा आम ग्राहकों तक पहुंच गई, इस सुविधा को सरल बनाने के लिए हर शहर के एक्सचेंज का एक कोड बनाया गया और ग्राहकों के लिए फोन नंबर के पहले उस कोड को डायल करना अनिवार्य कर दिया गया था !
पहला एसटीडी फोन कॉल भले ही 1955 में हो गया हो लेकिन इसके लिए पूरा तंत्र बनाने में काफी वक्त लगा था और सुचारू रूप से यह सेवा 1979 में जाकर ब्रिटेन में पूरी तरह से लागू की जा सकी !
बाद मे इस सेवा का सुनियोजित विस्तार कर वर्ष 1963 में लंदन और पैरिस के बीच बातचीत शुरू हुई तो इसके साथ इंटरनेशनल डायरेक्ट डायलिंग अस्तित्व में आई ! फिर इसके बाद इंटरनेशलन सब्सक्राइबर डायलिंग शुरू हुई, और पूरी दुनिया ने दसको तक इस एसटीडी फोन सेवा का आनंद लिया !
मोबाइल हैण्ड फोन के आने आने के बाद इन सेवाओं का उपयोग और महत्व कम जरूर हो गया है लेकिन वर्तमान क्रान्तिकारी फोन मोबाईल फोन सेवा की नीव दुनिया मे इसी फोन के साथ आरम्भ हुई थी !
बहुत पुरानी बात नहीं है कि जब ग्राहको को एक से दूसरे शहर में बात करने के लिए लाइन मे लग कर घंटों इंतजार करना पडता था, और उनके लिए यह एसटी़डी सेवा किसी वरदान से कम नही हुआ करती थी !
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
ध्यानार्थ : इसे कॉपी पेस्ट नही करना आज के अखबार मे प्रकाशित हो चुका है मेरे नाम से !
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