एक किसान जमींदार परिवार की बेटी के चश्मे से आज जब मैने एम०पी०, राजस्थान, एवम छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणामो को खंगालने की कोशिश किया तो पाया कि : किसान को अनदेखा करना 1975-1976 मे जिस तरह इंदिरा गांधी को भारी पडा था शायद आज बी०जे०पी० को भी भारी पड गया ! बा - मुश्किल यहीं कोई एक दो हफ्ते पूर्व गांव से फोन आया कि : 17 एकड पटके हुए खेत मे गेहूँ की बुआई समय से केवल इस वजह से नही हो पाई क्योकि समय से खाद उपलब्ध न हो सकी ! आज के चुनाव परिणामों से एक बात तो स्पष्ट हो गई की किसान एवम कृषि क्षेत्र की अनदेखी भारी पड़ेगी हर उस सरकार को जो किसानो एवम कृषि के प्रति उदासीनता बरतेगी ! सत्ता पर काबिज सरकार को सदैव गम्भीर होना होगा इस बिंदु पर कि : भारत की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ आज भी कृषि क्षेत्र एवम किसान ही है।
एक किसान जमींदार परिवार की बेटी के चश्मे से आज जब मैने एम०पी०, राजस्थान, एवम छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणामो को खंगालने की कोशिश किया तो पाया कि :
किसान को अनदेखा करना 1975-1976 मे जिस तरह इंदिरा गांधी को भारी पडा था शायद आज बी०जे०पी० को भी भारी पड गया ! बा - मुश्किल यहीं कोई एक दो हफ्ते पूर्व गांव से फोन आया कि : 17 एकड पटके हुए खेत मे गेहूँ की बुआई समय से केवल इस वजह से नही हो पाई क्योकि समय से खाद उपलब्ध न हो सकी !
आज के चुनाव परिणामों से एक बात तो स्पष्ट हो गई की किसान एवम कृषि क्षेत्र की अनदेखी भारी पड़ेगी हर उस सरकार को जो किसानो एवम कृषि के प्रति उदासीनता बरतेगी ! सत्ता पर काबिज सरकार को सदैव गम्भीर होना होगा इस बिंदु पर कि : भारत की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ आज भी कृषि क्षेत्र एवम किसान ही है।
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