{=======ग़ज़ल=======} एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी लिखने की जो ठानी है, दुनिया - ए - शरीफों पर बन आई है, दुनिया - ए - शराफत पर बन आई है, !! अंधेरी रात कूचा-ए-यार के अर्ची जिनका आना जाना था, शहर - ए - चौक पर आज उनकी नीलामी है, एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी लिखने की जो ठानी है .................!! जिनकी सरपरस्ती में : बदनामी का वास्ता देकर ! बदनाम वह हुई, दरबार से बाजार तक ! सरेआम वह हुई, आज उनको ही मय्यत अपनी : उसकी महफिल से उठानी है, एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी लिखने की जो ठानी है ..........!! परत - दर - परत चढ़ेगी जब रौशनाई खुलेंगे - भेद - कई , अभी तो गहरा रही है रात, घुप्प अंधेरों तले, अभी तो बाकी सुबहा आनी है, एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी लिखने की जो ठानी है ............!! मजबूर - मसले गए गजरे, जख्मी - पांव - के - घुंघरू करेंगे बयान सफेद चेहरों के कितने स्याह पहलू हैं ? कितने किस्से ? कितनी कहानी है ? एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी लिखने की जो ठानी है ...................!! ================================== कलम से : भारद्वाज अर्चिता Blogger Poet & Content Writer मेरे सुधी पाठकों मेरी इस रचना की आकाशवाणी में रिकॉर्डिंग हो चुकी है, अतः आप लोगों से सादर अनुरोध है इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ अथवा कॉपी पेस्ट अपने नाम से ना करें ! साभार भारद्वाज अर्चिता !
{=======ग़ज़ल=======}
एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी
लिखने की जो ठानी है,
दुनिया - ए - शरीफों पर बन आई है,
दुनिया - ए - शराफत पर बन आई है, !!
अंधेरी रात कूचा-ए-यार के अर्ची
जिनका आना जाना था,
शहर - ए - चौक पर आज उनकी नीलामी है,
एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी
लिखने की जो ठानी है .................!!
जिनकी सरपरस्ती में :
बदनामी का वास्ता देकर ! बदनाम वह हुई,
दरबार से बाजार तक ! सरेआम वह हुई,
आज उनको ही मय्यत अपनी :
उसकी महफिल से उठानी है,
एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी
लिखने की जो ठानी है ..........!!
परत - दर - परत चढ़ेगी जब रौशनाई
खुलेंगे - भेद - कई ,
अभी तो गहरा रही है रात, घुप्प अंधेरों तले,
अभी तो बाकी सुबहा आनी है,
एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी
लिखने की जो ठानी है ............!!
मजबूर - मसले गए गजरे,
जख्मी - पांव - के - घुंघरू करेंगे बयान
सफेद चेहरों के कितने स्याह पहलू हैं ?
कितने किस्से ? कितनी कहानी है ?
एक तवायफ ने हकीकत जिंदगी अपनी
लिखने की जो ठानी है ...................!!
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
Blogger Poet & Content Writer
मेरे सुधी पाठकों मेरी इस रचना की आकाशवाणी में रिकॉर्डिंग हो चुकी है, अतः आप लोगों से सादर अनुरोध है इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ अथवा कॉपी पेस्ट
अपने नाम से ना करें !
साभार भारद्वाज अर्चिता !
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