भारत में 15 अक्टूबर की तारीख के होने का मतलब है हर दिल अज़ीज़, हम सब के परम आदरणीय डॉ अब्दुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम साहब का जन्मदिन ! 15 अक्टूबर 1931को रामेश्वरम में जन्मे कलाम साहब के 87वे जन्मदिन पर आइए उनके जीवन पर एक विवेचनात्मक एवं स्वस्थ सकारात्मक चर्चा करते हैं ! देश के 11वे राष्ट्रपति से कहीं ज्यादा जिन्हें हमारा भारत देश मिसाइल मैन के रूप में याद करता है एक हाथ में गीता एक हाथ में कुरान लेकर केवल राष्ट्र सेवा करने वाले कलाम साहब के लिए कुछ लिख पाने की अर्चिता के कलम की बिसात कहां ? बस एक कोशिश करते हुए इतना ही लिखने का प्रयास कर पाई हूं कि : " किसी भी इंसान का आत्मविश्वास ही दुनिया को उसकी तरफ सबसे ज़्यादा आकर्षित करने वाला गुण है। सवाल खड़ा होता है कि : आखिर यह आत्मविश्वास आता कहाँ से है ? यह जवाब सही लगता है इसके लिए कि : आत्मविश्वास अनुभव से आता है, और अनुभव ग़लतियाँ करने से आता है। अब सवाल उठता है ! आखिर यह सब गुण कौन निर्धारित करता है ? माकूल सा जवाब है : "साहस" जी हाँ, साहस इंसान का पहला गुण है, क्योकि इंसान के बाकी सारे गुण साहस ही निश्चित एवं निर्धारित करता है। सत्य का जन्म भी साहस से होता है, लेकिन सत्य की नियति संघर्ष होती है। यदि आप भ्रमित है तो भयभीत है और यदि आप भयभीत है तो आप सत्य बोल ही नहीं सकते, संघर्ष कर ही नहीं सकते, सत्य के साथ खड़े हो ही नहीं सकते, सत्य केवल निर्भीक बोल सकते है, सत्य बोलते ही संघर्ष पैदा होता है और यही संघर्ष आपके या मेरे जीवन में सदगुण, या दुर्गुण को अपनाने का कारण बनता है, अपितु मनुष्य के हृदय में दुर्जनता जन्म ही तब लेती है, जब उसके अंदर आत्मविश्वास नहीं होता हमारा संघर्ष ही है जो हमें इस संसार में अजेय बनाता है। इसी सत्य से जन्मे हुए संघर्ष का नाम है डॉ अब्दुल कलाम जो वक्त के स्वर्ण पन्नों पर सदा के लिए अजेय रहेगा अपने साहसिक कार्यों के लिए !! श्रद्धेय कलाम साहब को उन्हीं के शब्दों द्वारा उनके जन्मदिन पर इस देश की बेटी भारद्वाज अर्चिता का कोटि - कोटि प्रणाम : "To Succeed in Your Mission You must have Single minded Devotion to your Goal." ============== कलम से : भारद्वाज अर्चिता 15/10/2018
भारत में 15 अक्टूबर की तारीख के होने का मतलब है हर दिल अज़ीज़, हम सब के परम आदरणीय डॉ अब्दुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम साहब का जन्मदिन !
15 अक्टूबर 1931को रामेश्वरम में जन्मे कलाम साहब के 87वे जन्मदिन पर आइए उनके जीवन पर एक विवेचनात्मक एवं स्वस्थ सकारात्मक चर्चा करते हैं !
देश के 11वे राष्ट्रपति से कहीं ज्यादा जिन्हें हमारा भारत देश मिसाइल मैन के रूप में याद करता है एक हाथ में गीता एक हाथ में कुरान लेकर केवल राष्ट्र सेवा करने वाले कलाम साहब के लिए कुछ लिख पाने की अर्चिता के कलम की बिसात कहां ? बस एक कोशिश करते हुए इतना ही लिखने का प्रयास कर पाई हूं कि :
" किसी भी इंसान का आत्मविश्वास ही दुनिया को उसकी तरफ सबसे ज़्यादा आकर्षित करने वाला गुण है। सवाल खड़ा होता है कि : आखिर यह आत्मविश्वास आता कहाँ से है ?
यह जवाब सही लगता है इसके लिए कि : आत्मविश्वास अनुभव से आता है, और अनुभव ग़लतियाँ करने से आता है।
अब सवाल उठता है ! आखिर यह सब गुण कौन निर्धारित करता है ? माकूल सा जवाब है : "साहस" जी हाँ, साहस इंसान का पहला गुण है, क्योकि इंसान के बाकी सारे गुण साहस ही निश्चित एवं निर्धारित करता है। सत्य का जन्म भी साहस से होता है, लेकिन सत्य की नियति संघर्ष होती है। यदि आप भ्रमित है तो भयभीत है और यदि आप भयभीत है तो आप सत्य बोल ही नहीं सकते, संघर्ष कर ही नहीं सकते, सत्य के साथ खड़े हो ही नहीं सकते, सत्य केवल निर्भीक बोल सकते है, सत्य बोलते ही संघर्ष पैदा होता है और यही संघर्ष आपके या मेरे जीवन में सदगुण, या दुर्गुण को अपनाने का कारण बनता है, अपितु मनुष्य के हृदय में दुर्जनता जन्म ही तब लेती है, जब उसके अंदर आत्मविश्वास नहीं होता हमारा संघर्ष ही है जो हमें इस संसार में अजेय बनाता है। इसी सत्य से जन्मे हुए संघर्ष का नाम है डॉ अब्दुल कलाम जो वक्त के स्वर्ण पन्नों पर सदा के लिए अजेय रहेगा अपने साहसिक कार्यों के लिए !!
श्रद्धेय कलाम साहब को उन्हीं के शब्दों द्वारा उनके जन्मदिन पर इस देश की बेटी भारद्वाज अर्चिता का कोटि - कोटि प्रणाम :
"To Succeed in Your Mission
You must have Single minded
Devotion to your Goal."
==============
कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
15/10/2018
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