: गांधी एक ऐसा दस्तावेज है जिसे कभी खारिज नहीं किया जा सकता ! : शास्त्री एक ऐसे जीवट शौर्य स्तंभ हैं जिस पर एक युग काल खंड की विजय गाथा अंकित है ! अतः एक दूसरे से दोनों की तुलना करने की चेष्टा का कोई औचित्य नहीं अर्ची ! भारत माता के यह दोनों बेटे महान हैं भले दोनों के दायित्व एवं कर्म क्षेत्र एक दूसरे से भिन्न रहे हैं,विकट परिस्थितियों वाले रहे हैं पर दोनों ने अपने अपने समय के हिसाब से अपनी सूझबूझ एवं दूरदर्शिता का परिचय दिया ! समय का इत्तेफाक देखिये इन दोनों महान विभूतियों का जन्मदिन एक ही दिन पड़ता है आइए अपने हृदय का सारा कलुष मिटाकर हम सब एक होकर एक साथ इन दोनों पुण्य आत्माओं को उनके जन्मदिन पर हृदय से प्रणाम करते हुए गा उठे अर्ची : " आज है दो अक्टूबर का दिन आज का दिन है बहुत महान आज के दिन दो फूल खिले - महका जिससे हिंदूस्तान । एक का नारा था- करो या मरो, एक का नारा था - जय जवान, जय किसान । " कलम से : भारद्वाज अर्चिता 02/10/2018
: गांधी एक ऐसा दस्तावेज है जिसे कभी खारिज नहीं
किया जा सकता !
: शास्त्री एक ऐसे जीवट शौर्य स्तंभ हैं जिस पर एक युग
काल खंड की विजय गाथा अंकित है !
अतः एक दूसरे से दोनों की तुलना करने की चेष्टा का
कोई औचित्य नहीं अर्ची ! भारत माता के यह दोनों बेटे
महान हैं भले दोनों के दायित्व एवं कर्म क्षेत्र एक दूसरे
से भिन्न रहे हैं,विकट परिस्थितियों वाले रहे हैं पर दोनों
ने अपने अपने समय के हिसाब से अपनी सूझबूझ एवं
दूरदर्शिता का परिचय दिया !
समय का इत्तेफाक देखिये इन दोनों महान विभूतियों
का जन्मदिन एक ही दिन पड़ता है आइए अपने हृदय
का सारा कलुष मिटाकर हम सब एक होकर एक साथ
इन दोनों पुण्य आत्माओं को उनके जन्मदिन पर हृदय
से प्रणाम करते हुए गा उठे अर्ची :
" आज है दो अक्टूबर का दिन
आज का दिन है बहुत महान
आज के दिन दो फूल खिले -
महका जिससे हिंदूस्तान ।
एक का नारा था- करो या मरो,
एक का नारा था - जय जवान, जय किसान । "
कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
02/10/2018
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