गर आपकी जिंदगी कहानी न हुई तो :
गर आपकी जिंदगी कहानी न हुई तो :
आप कहानी क्या खाक लिखेंगे?
आईए जिंदगी से गुफ्तगूं करें
कि : जिंदगीं को एक कहानी करें
मानिए यकीन
बूंद बूंद ओश पर ख्वाब लिखेगें
पोर - पोर - पोर जिंदगी का
एक नया शहर लिखगेें,
आईए जिंदगी से गुफ्तगूं करें
कि: जिंदगी को एक कहानी करें !!
जो आपको बेचैन कर के जाए,
तोड दे जो मेरी उदासियों का भंवर ,
डाल के कस्ती उसी दरिया में
मौजों पर सफर लिखेंगे .....
साहिल की खबर लिखेंगे .....
आईए जिंदगी से गुफ्तगूं करें
कि : जिंदगी को एक कहानी करें !!
बंजरों को फूल के ख्वाब दें
कंकडों पर राह की सूरत उबार दें
पन्ना पन्ना बिखेर कर रोशनाई
अपने “कल का”
हम अपना आज लिखेगें
आईए जिंदगी से गुफ्तगूं करें
कि : जिंदगी को एक कहानी करें ,
गर आपकी जिंदगी कहानी न हुई
तो आप कहानी क्या खाक लिखेंगे !! ???
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
09919353106
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