शिव भक्त बनने मे आखिर बुराई क्या है ??
मैं तो जन्मजात कृष्ण भक्त हूं, एवम कृष्ण के कर्म सिद्धांत में मैं विश्वास रखती हूं अर्ची ! फिर भी कहना चाहूंगी आज :
शिव भक्त बनने में आखिर बुराई क्या है ???
बनने दो पूरी दुनिया को शिव भक्त अच्छी बात तो है यह !
शिव तो औढर दानी हैं सब पर मुक्त हाथ लुटाते हैं अपना आशीर्वाद !
जो जैसा, जिस श्रेणी का,भक्त होता है महादेव की तरफ से अंत में उसे वैसा ही प्रसाद भी मिलता है !
जैसे : शिव भक्त रावण की लंका जल गई और रावण बुराई का प्रतीक बनकर जगत में स्थापित हुआ क्योंकि शिव भक्त के साथ साथ दम्भ एवम अहंकार का भी उपासक था वह !
भक्त भष्मासुर स्वयम ही स्वयम के विनास का वाहक बना क्योकि उसने शिव भक्ति मानवता के संहार के लिए किया था !
भक्त राम ने भी रामेश्वरम के तट पर बैठ कर पाप के अंत एवम जगत कल्याण के उद्देश्य से शिव की भक्ति किया था तो वह और उनके द्वारा श्रद्धा के प्रतीक के रूप में स्थापित रामेश्वरम शिवलिंग आज भी दुनिया में विश्वास, सत्य की विजय, एवम जीवन के प्रति आस्था जगाते हुए अजर अमर है अर्ची !!
निर्मल मन जन सो मोहि पावा
मोहि कपट छल छिद्र न भावा !!
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