#सुधा_चन्दर ( महिला दिवस पर ) चन्दर टेबल पर सर झुकाये हुए कुछ़ लिख रहा है । सुधा सामने खड़ी है । " अरे सुधा ! तुम कब आई ? " आपके चरणों का धूल लेने आई थी , मेरे देवता।" " महिला दिवस की बधाई हो सुधा ।" " ये क्या होता है ?मेरे देवता !!" " इसलिए तो ये आत्मा तुम्हारी ओर खिंचा जाता है । ओह ! मेरी प्यारी सुधा !" " ये हृदय, ये मस्तिष्क सब तुम्हारा ही है सुधा , बस कभी महिला दिवस के रैलि में मत जाना ।" " जैसी आज्ञा ,मेरे देवता ।" " सुनो सुधा ! मैं जरा ज़ल्दी में हूँ , पम्मी ने महिला दिवस पर महिलाओं के अधिकार के लिए एक रैली निकाली है तो भाषण देने मुझे भी बुलाया है ।"
#सुधा_चन्दर ( महिला दिवस पर )
चन्दर टेबल पर सर झुकाये हुए कुछ़ लिख रहा है । सुधा सामने खड़ी है ।
" अरे सुधा ! तुम कब आई ?
" आपके चरणों का धूल लेने आई थी , मेरे देवता।"
" महिला दिवस की बधाई हो सुधा ।"
" ये क्या होता है ?मेरे देवता !!"
" इसलिए तो ये आत्मा तुम्हारी ओर खिंचा जाता है । ओह ! मेरी प्यारी सुधा !"
" ये हृदय, ये मस्तिष्क सब तुम्हारा ही है सुधा , बस कभी महिला दिवस के रैलि में मत जाना ।"
" जैसी आज्ञा ,मेरे देवता ।"
" सुनो सुधा ! मैं जरा ज़ल्दी में हूँ , पम्मी ने महिला दिवस पर महिलाओं के अधिकार के लिए एक रैली निकाली है तो भाषण देने मुझे भी बुलाया है ।"
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