महान क्रांतिकारी मदन लाल ढिंगरा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि विशेष एक लेख !
{ महान क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा } --------------------------------------------------------------
17 अगस्त 1909 आज ही के दिन भारत के प्रथम क्रांतिकारी मदन लाल ढीगरा को पेंटविले जेल लंदन यू०के०मे फांसी दी गयी थी ।
फांसी की वजह थी - 1 जुलाई 1909 को भारतीय सचिव के राजनीतिक सलाहकार विलियम हट कर्जन को मदन लाल ढीगरा ने अपनी पिस्तौल की गोलियों से भुन दिया था ।
मदन लाल ढींगरा जो कि इंडिया हाऊस नाम से संस्था आरम्भ किए थे, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने के लिए अंग्रेजो द्वारा भारतीयों के साथ किए जा रहे भेद भाव पूर्ण हिंसात्मक दुर्ब्यवहार से आहत कोकर कर्जन की हत्या करने जैसा कदम उठाए ।
कर्जन की हत्या के बाद मदन लाल को अंग्रेजों द्वारा अरेस्ट किया गया पूराने बेली कोर्ट मे इनपर महाभियोग चलाकर लाॅर्ड चीफ जस्टिस मिस्टर TINDAL ATKINSON द्वारा इन्हे फांसी की सजा सुनाई गई, 17 अगस्त 1909 को इन्हे पेंटविले जेल मे फांसी दी गयी ।
कोर्ट मे चीफ चस्टिस को भी उस वक्त इस सरफ़रोश युवा का विचार सुनकर पसीना आ गया था जब क्रांतिकारी मदन लाल ढीगरा ने अपनी सफाई मे यह लाईन कहा था :
" I,am Proud to have the Honour of Laying Down my life for my country , But Remember We shall Have our Time in the Days to Come "
Thank you my Lord. I,don't Care , I,am Proud to have the Honour of laying down my life for the Cause of my Motherland "
अपने इन्ही शब्दों के साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए क्रांति की आग उस दौर के सम्पूर्ण भारतीय युवा शक्ति मे जलाकर यह महान क्रांतिकारी फांसी का फंदा चूम कर सदा के लिए खामोश हो गया ।
आईए आज मां भारती के इस अमर सपूत की कुर्बानी को याद करते हुए अपना श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि के रुप मे अर्पित करें, कोटि कोटि प्रणाम करें !!
कलम से
भारद्वाज अर्चिता
17/08/2018
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