20 August 1944 ! राजीव गांधी जयंती पर एक चर्चा ================================== हे भारत के युवा ऊर्जा महामानव ! आज आपके जन्म दिवस पर आपको देश की इस युवा ऊर्जा, युवा मन, युवा बेटी, ने अपने हृदय की अनंत गहराई से याद किया है ! जब शायद अर्ची तुम अपने पैरों पर चलने की कोशिश भर कर रही थी- तो तुम्हारे भारत देश को युवा बनाने, देश की युवा शक्ति को टेक्नोलॉजी की मुख्य धारा से जोडने, देश को उसके अपने पैरों पर खड़ा करने की मुहिम भारत के युवा प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी द्वारा भारत मे चलाई जा रही थी । आज तीन दशक बाद जब अर्ची और उसका देश भारत टेक्नोलॉजी की मुख्य धारा से जुड़ने मे कामयाब हो गए हैं तो अर्ची को और उसके देश भारत को एक बात बार-बार अपनी तरफ खींचती है कि : काश ईश्वर भारत के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को शतायु बनाए होते तो : भारत दशकों पहले तकनीकी स्तर पर, टेक्नोलॉजी के स्तर पर दुनिया मे आत्म निर्भर देश बन गया होतात। खैर : आज भी देश में तकनीकी क्षेत्र में जो क्रांति हो रही है उसकी नीव में सौ प्रतिशत आप ही है, आप की ही युवा सोच है, आपका ही युवा विजन ( Vision ) है ! आप समय की चाल को समझने वाले,परखने वाले युवा ऊर्जा मन थे ... जिस स्थान पर आपको बैठाया गया उसके दांव-पेच से अंजान होते हुए भी आपने देश को विकास की तरफ ले जाने का जो खांका तैयार किया जो सपने देखे वह हमेशा भारत को स्मरण रहेगा । आज कम्यूटर के " की बोर्ड पर जब तेजी से मेरी उंगली घूंम रही है और आपको आपके जन्मदिन पर याद करते हुए यह उपरोक्त पंक्तियां मै टाईप कर रही हूं तो भी मेरे युवा मन मे आपके प्रति गर्व के साथ श्रद्धा भाव उमड़ रहा है क्योंकि यह कम्प्यूटर क्रांति भी भारत मे आपके अथक प्रयास से ही सम्भव हुई है..... भारत में कम्प्यूटर एवम टेक्नोलॉजी क्रांति के जनक , युवा शक्ति, युवा सोच के प्रणेता आपको इस युवा ऊर्जा मन बेटी की तरफ से आपके जन्मदिन पर कोटि - कोटि नमन । कोटि कोटि प्रणाम् ! ================================== कलम से : भारद्वाज अर्चिता 20/08/2018
20 August 1944 ! राजीव गांधी जयंती पर एक चर्चा
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हे भारत के युवा ऊर्जा महामानव ! आज आपके जन्म दिवस पर आपको देश की इस युवा ऊर्जा, युवा मन, युवा बेटी, ने अपने हृदय की अनंत गहराई से याद किया है !
जब शायद अर्ची तुम अपने पैरों पर चलने की कोशिश भर कर रही थी- तो तुम्हारे भारत देश को युवा बनाने, देश की युवा शक्ति को टेक्नोलॉजी की मुख्य धारा से जोडने, देश को उसके अपने पैरों पर खड़ा करने की मुहिम भारत के युवा प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी द्वारा भारत मे चलाई जा रही थी ।
आज तीन दशक बाद जब अर्ची और उसका देश भारत टेक्नोलॉजी की मुख्य धारा से जुड़ने मे कामयाब हो गए हैं तो अर्ची को और उसके देश भारत को एक बात बार-बार अपनी तरफ खींचती है कि : काश ईश्वर भारत के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को शतायु बनाए होते तो :
भारत दशकों पहले तकनीकी स्तर पर, टेक्नोलॉजी के स्तर पर दुनिया मे आत्म निर्भर देश बन गया होतात।
खैर : आज भी देश में तकनीकी क्षेत्र में जो क्रांति हो रही है उसकी नीव में सौ प्रतिशत आप ही है, आप की ही युवा सोच है, आपका ही युवा विजन ( Vision ) है !
आप समय की चाल को समझने वाले,परखने वाले युवा ऊर्जा मन थे ...
जिस स्थान पर आपको बैठाया गया उसके दांव-पेच से अंजान होते हुए भी आपने देश को विकास की तरफ ले जाने का जो खांका तैयार किया जो सपने देखे वह हमेशा भारत को स्मरण रहेगा ।
आज कम्यूटर के " की बोर्ड पर जब तेजी से मेरी उंगली घूंम रही है और आपको आपके जन्मदिन पर याद करते हुए यह उपरोक्त पंक्तियां मै टाईप कर रही हूं तो भी मेरे युवा मन मे आपके प्रति गर्व के साथ श्रद्धा भाव उमड़ रहा है क्योंकि यह कम्प्यूटर क्रांति भी भारत मे आपके अथक प्रयास से ही सम्भव हुई है.....
भारत में कम्प्यूटर एवम टेक्नोलॉजी क्रांति के जनक , युवा शक्ति, युवा सोच के प्रणेता आपको इस युवा ऊर्जा मन बेटी की तरफ से आपके जन्मदिन पर कोटि - कोटि नमन । कोटि कोटि प्रणाम् !
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कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
20/08/2018
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