जिसकी ध्वनि से कभी युद्ध की विजय का पता लगता, अब उसे बजाने वाले कम हैं। पश्चिम के सैक्सोफ़ोन से कहीं पहले भारत में तूर्यनाद (बिगुल, तुरही, रणसिंघा, सिंघा, रामसिंघा, तुतरू, धुतहू) बजाया जाता। यह तांबे या पातल का ‘S’ आकार का यंत्र बजाना आसान न था। इसकी आवाज शंख से भी बुलंद दूर गाँवों तक सुनाई देती। यह दो टुकड़ों में होता कि आराम से ले जाया जा सके, बाद में जोड़ लिया जाता। इस यंत्र को अक्सर गाँवों के डोम समुदाय के लोग बजाते, जिनकी ध्वनि से गाँव गूँज उठता। ऐसा कोई भी शुभ-कार्य नहीं, जो इसके बिना पूरा होता। बल्कि इसके बजने का अर्थ ही यही था कि फलाँ गाँव में कार्यक्रम चालू हो रहा है, पहुँच जाओ। हमारी पीढ़ी में इतना कुछ नहीं देखा। तब तक यह यंत्र ढोल-तासे के पीछे चला गया। पीपही बजाना आसान था, और उसकी ध्वनि अधिक मधुर लगने लगी। सैक्सोफ़ोन भी भारत में आगे न बढ़ा। अब तुरही या रनसिंघा स्थापित रूप से महाराष्ट्र और गढ़वाल में जरूर बजता है, और दिखावटी रूप से तमाम मुहूर्तों पर अन्य जगह भी। किंतु यह युद्ध विजय यंत्र भी अब पराजित होकर अपने अंत की प्रतीक्षा कर रहा है। अब हर IPL मैच के पहले बिगुल बजे तो कुछ बात बने। #ragajourney (मित्रों नें रामतूला, धुधूका नाम भी बताए)
जिसकी ध्वनि से कभी युद्ध की विजय का पता लगता, अब उसे बजाने वाले कम हैं। पश्चिम के सैक्सोफ़ोन से कहीं पहले भारत में तूर्यनाद (बिगुल, तुरही, रणसिंघा, सिंघा, रामसिंघा, तुतरू, धुतहू) बजाया जाता। यह तांबे या पातल का ‘S’ आकार का यंत्र बजाना आसान न था। इसकी आवाज शंख से भी बुलंद दूर गाँवों तक सुनाई देती। यह दो टुकड़ों में होता कि आराम से ले जाया जा सके, बाद में जोड़ लिया जाता।
इस यंत्र को अक्सर गाँवों के डोम समुदाय के लोग बजाते, जिनकी ध्वनि से गाँव गूँज उठता। ऐसा कोई भी शुभ-कार्य नहीं, जो इसके बिना पूरा होता। बल्कि इसके बजने का अर्थ ही यही था कि फलाँ गाँव में कार्यक्रम चालू हो रहा है, पहुँच जाओ। हमारी पीढ़ी में इतना कुछ नहीं देखा। तब तक यह यंत्र ढोल-तासे के पीछे चला गया। पीपही बजाना आसान था, और उसकी ध्वनि अधिक मधुर लगने लगी। सैक्सोफ़ोन भी भारत में आगे न बढ़ा।
अब तुरही या रनसिंघा स्थापित रूप से महाराष्ट्र और गढ़वाल में जरूर बजता है, और दिखावटी रूप से तमाम मुहूर्तों पर अन्य जगह भी। किंतु यह युद्ध विजय यंत्र भी अब पराजित होकर अपने अंत की प्रतीक्षा कर रहा है। अब हर IPL मैच के पहले बिगुल बजे तो कुछ बात बने।
#ragajourney
(मित्रों नें रामतूला, धुधूका नाम भी बताए)
Comments
Post a Comment