कलम की चोट :
वोट बैंक के चक्कर में देश में कुछ नेता इतने घटिया स्तर कि राजनीति कर रहे है कि अफसोस होता है ऐसे लोगो को वोट देने वाली जनता के बुद्धि विवेक कौशल पर।
हाल ही में रांची की मिशनरी ऑफ चैरिटी पर लगभग 200 बच्चों को बेचने का आरोप लगा जिस संबंध में एक नन और सहायिका की गिरफ्तारी भी हुई है ! आरोपियों के कुबूलनामे के बाद कार्यवाही में बेचे गए 4 में से 3 बच्चों को बरामद भी कर लिया गया इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री का कहना है कि ये आरोप झूठे है और भाजपा के इशारे पर ये किया गया है। आरोपियों के कुबूलनामे पर भी मैडम का कहना है कि उनको दबाव देकर ये बयान दिलवाया गया है !
क्या देश में घटित होने वाले जघन्यतम अपराधों के लिए भाजपा बनाम कांग्रेस कर के नेताओं के बीच बेजा बहस, एवम आरोप - प्रत्यारोप का दौर चलाना उचित है ! क्या यह देश केवल प्रधानमंत्री मोदी जी का ही है ? क्या इस देश के प्रति हम अन्य का कोई धर्म कोई कर्तव्य नही है ? क्या ननों के दुष्कृत्य कर्मो पर देश के संविधान को सहयोग करना हम एक-एक भारतीय नागरिक का दायित्व नही ???
हद है,..तुष्टिकरण के चक्कर में इनको कोई अपराध, अपराध ही नहीं लगता है । कोई कार्यवाही होती है तो सबमें मोदी, भाजपा, कुर्सी, राजनीति की चाल नज़र आती है।😠😠
क्या ऐसा नही लगता केवल अपनी राजनीतिक रोटी पकाने के लिए बेहिसाब हल्ला मचाने वाले ऐसे देशद्रोहियों को केवल इस देश की जनता ही सजा दे सकती है अर्ची ! वह भी भेदभाव जाति धर्म की दिवार ढहाकर एक होकर केवल देश हित के लिए अपने वोट की चोट से प्रहार करके इन अराजक तत्वों को घसीट कर कुर्सी से नीचे उतार कर !
कलम से :
भारद्वाज अर्चिता
14/07/2018
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